रायपुर, 21 नवम्बर 2025।
प्रदेशभर की तरह धमतरी जिले में खरीफ उपार्जन 2025-26 की शुरुआत 15 नवंबर से सुचारू रूप से हो चुकी है। धान खरीदी की व्यवस्थित प्रक्रिया ने जहां किसानों के चेहरों पर संतोष लौटाया है, वहीं गांवों में रहने वाले श्रमिक परिवारों, खासकर महिलाओं के जीवन में नई उम्मीद जगाई है। Kharif upaj Dhamtari women employment इस बार ग्रामीण अर्थव्यवस्था के केंद्र में दिखाई दे रहा है।
स्थानीय महिलाओं को पहली बार सुरक्षित व सम्मानजनक रोजगार
संबलपुर गांव के खरीदी केंद्र में काम कर रहीं महिलाएँ — ईश्वरी यादव और विद्या मरकाम — इस बदलाव का सशक्त उदाहरण हैं। धान के कट्टों की सिलाई और भराई में व्यस्त ये महिलाएँ बताती हैं कि खरीफ सीजन अब उनके लिए सिर्फ काम का समय नहीं बल्कि आत्मनिर्भरता का अवसर बन गया है।
गांव की 5-6 महिलाएँ मिलकर रोज़ाना 400 से 500 कट्टे तैयार करती हैं। इससे हर महिला को सीजन भर में लगभग 20 से 22 हजार रुपये की आय हो जाती है। यह राशि उनके परिवार की जरूरतों को पूरा करने में अहम भूमिका निभाती है।
काम गांव में, आय घर में — महिलाओं के जीवन में आया बदलाव
इन महिलाओं का कहना है कि पहले मजदूरी के लिए गांव से बाहर जाना पड़ता था। पर अब धान खरीदी केंद्र उन्हें सुरक्षित, सुविधाजनक और सम्मानजनक रोजगार देकर घर के पास ही काम करने का मौका दे रहे हैं।
समय पर भुगतान, उचित व्यवस्था और लगातार बढ़ते अवसरों ने उनका आत्मविश्वास भी बढ़ाया है।
धान खरीदी ने बढ़ाई ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रफ्तार
खरीफ उपार्जन से जहां किसानों की आय में वृद्धि होती है, वहीं इससे ग्रामीण स्तर पर रोजगार की बड़ी श्रृंखला तैयार होती है। इस प्रक्रिया में—
- हमाल
- परिवहनकर्ता
- तौलदार
- डेटा एंट्री ऑपरेटर
- सहायक कर्मचारी
जैसे कई लोगों को काम मिलता है।
पारदर्शी व्यवस्था और सुगम प्रक्रिया ने इस सीजन को ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूत कड़ी बना दिया है।
सरकार की पहल से बढ़ा विश्वास
राज्य सरकार द्वारा—
- समय पर समर्थन मूल्य का भुगतान,
- सुरक्षित भंडारण व्यवस्था,
- और खरीदी केंद्रों में सुचारू प्रबंधन
ने ग्रामीण जनता का भरोसा और मजबूत किया है।
Kharif upaj Dhamtari women employment इस सीजन में न सिर्फ कृषि उत्पादन का महत्वपूर्ण पड़ाव साबित हो रहा है, बल्कि महिलाओं को रोजगार से जोड़कर गांवों को आर्थिक शक्ति देने वाला एक प्रभावशाली माध्यम बनकर उभरा है।
