छत्तीसगढ़ RI भर्ती पेपर लीक कांड: ACB–EOW की बड़ी कार्रवाई, दो अधिकारी गिरफ्तार, सात जिलों में छापेमारी

छत्तीसगढ़ में Chhattisgarh RI paper leak मामले ने आज सरकारी भर्ती प्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया। गुरुवार को ACB और EOW ने संयुक्त अभियान चलाकर रायपुर से आयुक्त भू-अभिलेख कार्यालय के सहायक सांख्यिकी अधिकारी वीरेंद्र जाटव और हेमंत कौशिक को गिरफ्तार किया। दोनों पर आरोप है कि उन्होंने 2024 की पटवारी से राजस्व निरीक्षक (RI) पदोन्नति परीक्षा का प्रश्न पत्र मोटी रकम में लीक किया और अभ्यर्थियों को तैयारी करवाकर चयन प्रक्रिया को प्रभावित किया।

यह कार्रवाई सुबह होते ही राज्य की प्रमुख खबर बन गई। रायपुर से लेकर अंबिकापुर और जगदलपुर तक हलचल मच गई। सरकारी पदों पर नियुक्ति का सपना देखने वाले हजारों युवाओं के लिए यह खबर बेहद निराशाजनक रही, क्योंकि मामला सीधे भरोसे और पारदर्शिता पर चोट करता है।


सात जिलों में एक साथ दबिश, डिजिटल सबूत बरामद

ACB–EOW की टीम ने 19 नवंबर की सुबह रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, महासमुंद, गरियाबंद, अंबिकापुर और जगदलपुर में एक साथ 19 ठिकानों पर छापेमारी की। इस दबिश में एजेंसी को कई डिजिटल और दस्तावेजी सबूत मिले।

जांच अधिकारियों के अनुसार —

  • लैपटॉप, मोबाइल फोन, हार्ड डिस्क
  • बैंक रिकॉर्ड और संदिग्ध लेन-देन
  • संपत्ति दस्तावेज तथा एग्रीमेंट
  • कैश और सोना–चांदी
  • परीक्षा संबंधित रिकॉर्ड

सब कुछ कब्जे में लिया गया। इन दस्तावेजों से Chhattisgarh RI paper leak नेटवर्क की परतें खुलती दिख रही हैं।


कई अधिकारियों के ठिकानों पर चला सर्च ऑपरेशन

छापेमारी के दौरान कई वरिष्ठ अधिकारियों के परिसरों पर घंटों तलाशी चली—

  • बिलासपुर: RI अभिषेक सिंह के निवास पर महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले।
  • बेमेतरा: जिला पंचायत CEO प्रेमलता पद्माकर के सरकारी आवास पर भी टीम ने पूरी दिन तलाशी ली।
  • इसके अलावा प्रश्न पत्र छपाई, वितरण और परीक्षा संचालन समिति से जुड़े कर्मचारियों के ठिकानों की भी जांच की गई।

इस कार्रवाई से स्पष्ट है कि एजेंसी परीक्षा प्रणाली में गहराई तक फैले भ्रष्टाचार की परतें खोलना चाहती है।


परीक्षा और चयन प्रक्रिया में गड़बड़ी ने बढ़ाया शक

7 जनवरी 2024 को हुई इस पदोन्नति परीक्षा में 2600 से अधिक पटवारियों ने भाग लिया था। 29 फरवरी को परिणाम आया और 216 अभ्यर्थी प्रशिक्षण के लिए चुने गए। लेकिन अंतिम चरण में केवल 13 का चयन किया गया।

सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि नियमों के विपरीत 22 उम्मीदवारों का चयन कर लिया गया। शिकायतकर्ताओं ने यह भी आरोप लगाया कि कई चयनित अभ्यर्थी संबंधित अधिकारियों के रिश्तेदार या परिचित थे।

इन्हीं संदेहों ने Chhattisgarh RI paper leak की कहानी को मजबूत किया और मामला तेजी से राज्य भर में चर्चा का विषय बन गया।


जांच अब फॉरेंसिक स्तर पर, और गिरफ्तारियां संभव

ACB–EOW अब डिजिटल सबूतों की फॉरेंसिक जांच करा रही है। अधिकारियों का कहना है कि अवैध संपत्ति, फर्जी अंक, लेन-देन और चयन में अनियमितताओं से जुड़े तथ्यों की पुष्टि होते ही और गिरफ्तारियां की जा सकती हैं।

यह मामला न सिर्फ भर्ती प्रक्रिया, बल्कि सरकारी सिस्टम की साख पर भी बड़ा प्रहार माना जा रहा है। यही वजह है कि Chhattisgarh RI paper leak स्टोरी आज राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर ट्रेंड कर रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *