दिल्ली ब्लास्ट: जैश हैंडलर ‘हंजुल्ला’ ने डॉक्टर मुज़म्मिल शकील को भेजे बम बनाने के वीडियो, अल-फलाह यूनिवर्सिटी जांच के दायरे में

नई दिल्ली — Delhi blast Jaish handler से जुड़े अहम सुराग सामने आए हैं। जांच में पता चला है कि पाकिस्तान आधारित जैश-ए-मोहम्मद का हैंडलर, जो ‘हंजुल्ला’ नाम से काम करता है, डॉक्टर मुज़म्मिल शकील को सीधे बम बनाने के वीडियो भेजता था। शुरुआती जांच में यह नाम एक छद्म पहचान प्रतीत हो रहा है।

अक्टूबर में जम्मू-कश्मीर के नौगाम में लगाए गए जैश के पोस्टरों पर भी “कमांडर हंजुल्ला भाई” का नाम लिखा था, जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियों को इस मॉड्यूल की गतिविधियों पर गहन जांच शुरू करनी पड़ी।


मौलवी इरफ़ान अहमद के जरिए शुरू हुआ संबंध, डॉक्टरों का ‘व्हाइट कॉलर मॉड्यूल’ तैयार

सूत्रों के अनुसार, यह संपर्क डॉक्टर शकील तक मौलवी इरफ़ान अहमद के जरिए पहुंचा।
इरफ़ान अहमद शोपियां का एक मौलवी है जिसने इन डॉक्टरों को कट्टरपंथ की ओर मोड़ा और व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल तैयार किया।

सबसे पहले उसने मुज़म्मिल शकील—जो फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में डॉक्टर था—को भर्ती किया। शकील का मेडिकल लाइसेंस अब रद्द किया जा चुका है।

शकील ने फिर विश्वविद्यालय में अपने ‘समान विचार वाले’ डॉक्टर साथियों को जोड़ा:

  • मुज़फ्फर अहमद
  • अदील अहमद राथर
  • शाहीन सईद

शकील ने विस्फोटक पहुंचाए, आत्मघाती हमलावर को दी कार

जांच में सामने आया है कि मुज़म्मिल शकील ने न केवल विस्फोटक सामग्री ढोने में भूमिका निभाई, बल्कि उसने सफेद Hyundai i20 कार भी उमर मोहम्मद उर्फ उमर-उन-नबी, यानी आत्मघाती हमलावर, को सौंपी थी।

पिछले हफ्ते रेड फोर्ट के पास इसी कार में विस्फोट हुआ था। DNA रिपोर्ट ने पुष्टि की कि उमर ही बम लेकर कार में मौजूद था।


दिल्ली की बड़ी साजिश: 200 IEDs की तैयारी, निशाना था दिल्ली-गुरुग्राम-फरीदाबाद

सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, यह मॉड्यूल महीनों से साजिश रच रहा था।
उनकी योजना थी कि 200 शक्तिशाली IEDs तैयार किए जाएँ और दिल्ली, गुरुग्राम और फरीदाबाद के महत्वपूर्ण स्थानों को निशाना बनाया जाए।

मॉड्यूल ने तीन कारें दिल्ली से खरीदी थीं—एक विस्फोट में उपयोग की गई और दो अन्य अभी जांच के दायरे में हैं।


Telegram पर बनी कोड लैंग्वेज: ‘बिरयानी’ मतलब बम, ‘दावत’ मतलब ऑपरेशन

जांच में यह भी सामने आया है कि मॉड्यूल Telegram पर सुरक्षित चैट के जरिए संवाद करता था।
ध्यान न खींचने के लिए उन्होंने खाने के नामों को कोड वर्ड की तरह इस्तेमाल किया:

  • “बिरयानी” = विस्फोटक सामग्री
  • “दावत” = हमला या मिशन

अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर छापेमारी, संस्थापक गिरफ्तार

दिल्ली ब्लास्ट के बाद अल-फलाह यूनिवर्सिटी, फरीदाबाद, जांच के सबसे बड़े केंद्र में आ चुकी है।
ED ने विश्वविद्यालय के संस्थापक जवाद अहमद सिद्दीकी को मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग से जुड़े आरोपों में गिरफ्तार किया है।

दिल्ली पुलिस और ED की संयुक्त कार्रवाई में:

  • 25 से ज्यादा स्थानों पर छापे
  • 48 लाख रुपये नकद बरामद
  • कई डिजिटल डिवाइस और दस्तावेज़ जब्त

फरीदाबाद पुलिस ने शुक्रवार को यूनिवर्सिटी की गतिविधियों की जांच के लिए SIT भी गठित कर दी है।


उमर ने क्यों उड़ाई कार?—संभावित वजह

सूत्रों के अनुसार, मॉड्यूल के दो प्रमुख सदस्य—शकील और राथर—की गिरफ्तारी के बाद उमर घबरा गया।
इसके बाद उसने अपनी कार में मौजूद IED को जल्दी में सक्रिय कर दिया, जिसके कारण रेड फोर्ट के पास धमाका हुआ।


Delhi blast Jaish handler के सुराग से खुल सकती है बड़े नेटवर्क की परतें

राष्ट्रीय राजधानी में हुए इस हमले ने फिर साबित किया है कि आतंक संगठनों के नए नेटवर्क शिक्षित और पेशेवर लोगों को भी अपने मोहरे की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं।
अब जांच एजेंसियों का फोकस है—
‘हंजुल्ला’ की असली पहचान और मॉड्यूल के अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन का पता लगाना।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *