नई दिल्ली, 21 नवंबर — Shourya Patil suicide case में सेंट कोलंबा स्कूल के चार शिक्षकों को गुरुवार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। यह कार्रवाई उस FIR के आधार पर की गई है जिसमें कक्षा 10 के छात्र शौर्य पाटिल (16) की आत्महत्या के लिए शिक्षकों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
स्कूल प्रशासन ने आदेश में लिखा—
“आरोप गंभीर हैं, इसलिए जांच पूरी होने तक संबंधित शिक्षकों को निलंबित किया जाता है। वे बिना लिखित अनुमति स्कूल परिसर नहीं आएंगे और विद्यार्थियों या अभिभावकों से संपर्क नहीं करेंगे।”
परिवार बदहवास, लेकिन दृढ़—“शौर्य अब नहीं… पर न्याय की लड़ाई रुकेगी नहीं”
शौर्य का परिवार अंतिम संस्कार के लिए महाराष्ट्र के सांगली लौट गया, जहां उनके दादा-दादी रहते हैं। Vita तहसील के गांव धवलेश्वर में शौर्य का अंतिम संस्कार किया गया।
फोन पर बात करते हुए पिता प्रदीप पाटिल ने बताया कि पिछले छह महीनों से शौर्य बार-बार कह रहा था कि शिक्षक उसे अलग-थलग कर रहे हैं और मामूली बातों पर भी अपमानित करते हैं।
उन्होंने कहा—
“पिछले चार महीनों में तो हमें बार-बार स्कूल बुलाया जाता था। छुट्टियों से कुछ दिन पहले उसने कहा कि पापा, मुझे यहां से निकाल लो… मैं नहीं रह पाऊंगा।”
परिवार ने छुट्टियों के बाद स्कूल बदलने की योजना बनाई थी। लेकिन उनकी मानें तो उत्पीड़न इतना बढ़ गया कि शौर्य टूट गया।
“वह खिलखिलाता बच्चा था… डांस करता था… सपने देखता था”
प्रदत्त जानकारी के अनुसार, शौर्य खुशमिजाज, ऊर्जा से भरा लड़का था। हाल ही में उसने स्कूल की ओर से एक डांस प्रतियोगिता में भी हिस्सा लिया था।
पिता ने बताया—
“बोर्ड परीक्षा के बाद हम चीन घूमने जाने वाले थे। यह उसी का सपना था। सब बुक हो चुका था।”
सुicide Note में दर्द की चीख—“किसी और बच्चे के साथ ऐसा न हो”
शौर्य के बैग में मिले पत्र में लिखा था कि वह क्षमाप्रार्थी है और उसके अंग दान कर दिए जाएं। पत्र में उन शिक्षकों का भी उल्लेख किया गया है जिन्होंने कथित रूप से उसे अपमानित किया था।
सबसे मार्मिक वाक्य था—
“मेरी आखिरी इच्छा है कि इन पर कार्रवाई हो… मैं नहीं चाहता कोई और बच्चा मेरे जैसा करे।”
मृत्यु वाले दिन हुई ‘धमकी’?—परिजनों का आरोप
परिजनों और रिश्तेदारों ने आरोप लगाया कि घटना वाली सुबह शौर्य को डांस न करने पर शिक्षक ने डांटा और धमकाया, क्योंकि उसका टखना मुड़ा हुआ था।
चंद्रशील धवन, जो परिवार के रिश्तेदार हैं, ने बताया—
“वह बैक गेट से निकला। ड्राइवर उसे लेने पहुंचा पर वह वहां नहीं था… कुछ देर बाद खबर आई कि उसने मेट्रो स्टेशन से छलांग लगा दी।”
माता-पिता और पूर्व छात्र बोले—“काउंसलिंग सिस्टम सिर्फ कागज पर”
स्कूल के बाहर गुरुवार को बड़ी संख्या में लोग जमा हुए। कई माता-पिता और पूर्व छात्रों ने दावा किया कि स्कूल में काउंसलिंग सिस्टम प्रभावी नहीं है।
पूर्व छात्र आदित्य सागर (18) ने कहा—
“काउंसलर हैं, लेकिन बच्चे शिकायत नहीं करते। सभी एक ही सिस्टम के हिस्से हैं, इसलिए सुरक्षित महसूस नहीं होता।”
पुलिस जांच में तेजी, CCTV फुटेज जब्त
पुलिस टीम ने स्कूल पहुंचकर छात्रों से बात की और संबंधित CCTV फुटेज भी अपने कब्जे में लिया।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया—
“FIR में नामित शिक्षकों का विवरण ले लिया गया है। उन्हें जांच में शामिल होने के लिए समन भेजे जाएंगे।”
Shourya Patil suicide case ने स्कूल सिस्टम पर गंभीर सवाल खड़े किए
यह मामला सिर्फ एक छात्र की त्रासदी नहीं, बल्कि स्कूलों में छात्रों की भावनात्मक सुरक्षा और जवाबदेही के बड़े सवालों को सामने लाता है।
परिवार और समाज की यह मांग अब और तीखी है—
“शौर्य को न्याय मिले… और किसी भी बच्चे को ऐसी पीड़ा न सहनी पड़े।”
