अल-फला मेडिकल कॉलेज में बढ़ी चिंता, टेरर मॉड्यूल जांच ने बढ़ाई छात्रों और अभिभावकों की बेचैनी

Al Falah Medical College controversy के बीच गुरुवार को पहली बार MBBS प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए नियमित कक्षाएं शुरू हुईं। लेकिन कैंपस का माहौल सामान्य नहीं था। कॉलेज के बाहर और भीतर भारी पुलिस मौजूदगी ने छात्रों और उनके परिजनों की चिंता और बढ़ा दी।

इस माह की शुरुआत में व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल को लेकर हुए बड़े खुलासे के बाद कॉलेज सुर्खियों में आया। दिल्ली के लाल किले के बाहर 10 नवंबर को हुए कार धमाके का मुख्य आरोपी बताए जा रहे डॉ. उमर-उन-नबी इसी कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर थे। वहीं, हरियाणा के दोज गांव में किराए के मकान से भारी मात्रा में विस्फोटक मिलने के बाद चर्चा में आए डॉ. मुज़म्मिल शकील भी इसी संस्थान में पढ़ाते थे।


अभिभावक बोले—“बेटे-बेटियों को यहां छोड़ने में डर लग रहा है”

चंडीगढ़, लखनऊ, दिल्ली और हल्द्वानी से आए कई अभिभावकों ने कहा कि वे अब भी यह तय नहीं कर पा रहे कि कैंपस सुरक्षित है या नहीं।

आगरा के मनोज कुमार ने बताया,
“खबर देखते ही हम घबरा गए और बेटी को तुरंत घर बुला लिया। आज भी समझ नहीं आ रहा कि उसे यहां छोड़ें या नहीं। लेकिन पढ़ाई भी तो रुक जाएगी।”

लखनऊ के सुशील मेहता ने भी अपनी चिंता साझा की।
“मेरे बेटे ने बड़ी मेहनत से यहां एडमिशन लिया है। लेकिन अब डर लग रहा है। कॉलेज को पारदर्शिता दिखानी होगी और भरोसा फिर से बनाना होगा।”


काउंसिलिंग सत्रों में छात्रों को भरोसा दिलाने की कोशिश

कॉलेज प्रशासन ने इस सप्ताह छात्रों के लिए कई काउंसिलिंग सत्र आयोजित किए।
एक छात्र के अनुसार,
“VC और फैकल्टी ने कहा कि चीजें धीरे-धीरे सामान्य होंगी और अफवाहों पर ध्यान न दें। हमें बाहर वालों से बातचीत सीमित रखने और अनवेरिफाइड चीजें ऑनलाइन न डालने की सलाह दी गई है।”

लेकिन इसके बावजूद छात्रों के मन में असमंजस है।

हल्द्वानी की एक छात्रा ने कहा,
“घर पर लगातार फोन आते रहे। मैं खुद नहीं जानती कि चीजें कैसी होंगी। अगर अब छोड़ दूं तो साल खराब हो जाएगा, लेकिन अगर हालात बिगड़ गए तो क्या करेंगे?”


जांच में कई फैकल्टी सदस्य आए रडार पर

जांच एजेंसियों ने उन छात्रों को भी पूछताछ के लिए बुलाया जिन्होंने कभी डॉ. उमर की कक्षाएं अटेंड की थीं।
एक छात्र ने बताया—
“जिनका उनसे कम या नाममात्र का संपर्क था, उनसे भी बयान लिया गया। कैंपस में अब हर जगह निगरानी है, और सामान्य कॉलेज लाइफ जैसा कुछ नहीं बचा।”


अल-फला यूनिवर्सिटी के संस्थापक पर भी शिकंजा

गुरुवार को क्लासें शुरू होने के साथ ही खबर आई कि अल-फला यूनिवर्सिटी के संस्थापक जवाद अहमद सिद्दीकी के मध्य प्रदेश स्थित पुश्तैनी घर पर भी नगर निगम ने ध्वस्तीकरण नोटिस जारी किया है।

इससे पहले ED ने 25 से अधिक ठिकानों पर छापे मारकर उन्हें गिरफ्तार किया था। एजेंसी का आरोप है कि विश्वविद्यालय ने छात्रों के “भरोसे, भविष्य और उम्मीदों” को नुकसान पहुंचाते हुए ₹415.1 करोड़ की गैर-दान आय को अपराध से अर्जित धन (proceeds of crime) के रूप में इस्तेमाल किया।

इंदौर पुलिस ने उनके भाई हमूद अहमद सिद्दीकी को भी धोखाधड़ी और दंगा मामलों में गिरफ्तार किया है।


कैंपस में सन्नाटा, भविष्य को लेकर छात्रों में गहरी बेचैनी

कक्षाएं चालू होने के बावजूद कैंपस में तनाव साफ दिखता है।
हर कदम पर गार्डों की नजर, मीडिया की मौजूदगी और जारी जांच ने कॉलेज जीवन को भारी बना दिया है।
कई छात्रों ने बताया कि “अब यहां सामान्य कॉलेज जैसा माहौल बिल्कुल नहीं है।”

अभिभावक और छात्र दोनों उम्मीद करते हैं कि स्थिति जल्द नियंत्रित हो और उनका शैक्षणिक भविष्य प्रभावित न हो।

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