NIA ने अमेरिका से डिपोर्ट किए गए गैंगस्टर अनमोल बिश्नोई को किया गिरफ्तार, बाबा सिद्दीकी हत्या केस में 11 दिन की रिमांड

नई दिल्ली। NIA arrests Anmol Bishnoi मामला बुधवार को बड़ा मोड़ ले आया, जब अमेरिका से डिपोर्ट किए जाने के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने कुख्यात गैंगस्टर और जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई को गिरफ्तार कर लिया। दिल्ली की एक विशेष अदालत ने अनमोल को 11 दिनों की NIA कस्टडी में भेज दिया है।

अनमोल 2022 से फरार था और NIA की टेरर-गैंगस्टर साजिश केस में गिरफ्तार होने वाला 19वां आरोपी है।


अदालत ने 11 दिन की रिमांड दी

दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत के स्पेशल जज प्रशांत शर्मा ने NIA के 15 दिन की कस्टडी की मांग पर सुनवाई की।
अदालत ने कहा कि पूछताछ और नेटवर्क की तह तक जाने के लिए 11 दिन की रिमांड पर्याप्त होगी।

अनमोल के भारत लाए जाने के बाद सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है, क्योंकि उसे देश के सबसे खतरनाक आपराधिक सिंडिकेट्स में से एक का अहम हिस्सा माना जाता है।


अमेरिका में बैठकर चलाता रहा गैंग — NIA का दावा

NIA ने बताया कि अनमोल बिश्नोई अमेरिका में रहते हुए भी बिश्नोई गैंग का संचालन कर रहा था।
उसे लेकर जांच में अब तक ये बातें सामने आई हैं—

  • भारत में सक्रिय गैंग सदस्यों से सीधे संपर्क
  • शूटरों के लिए ठिकाना और लॉजिस्टिक्स की व्यवस्था
  • विदेश से रंगदारी और उगाही के नेटवर्क की निगरानी
  • 2020 से 2023 के बीच लॉरेंस बिश्नोई और “आतंकी” घोषित गोल्डी बराड़ की मदद

NIA का कहना है कि अनमोल की भूमिका केवल गैंग चलाने तक सीमित नहीं थी, बल्कि वह आतंकी गतिविधियों के समन्वय में भी शामिल था।


बाबा सिद्दीकी की हत्या से जुड़ता है धागा

NIA ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि अनमोल बिश्नोई मुंबई में पूर्व मंत्री और NCP नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में भी संदिग्ध रूप से शामिल है।

मई 2024 में हुए इस हत्याकांड की जिम्मेदारी कथित गैंग सदस्य शुभू लोंकर ने फेसबुक पोस्ट के जरिए ली थी।
पोस्ट में उसने इसे अनुज थापन की मौत से जोड़कर बताया था।

अनुज थापन वही युवक था जिसे मुंबई पुलिस ने सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग मामले में गिरफ्तार किया था।
थापन की पुलिस कस्टडी के दौरान कथित तौर पर आत्महत्या से मौत हो गई थी।

लोंकर ने दावा किया था कि “गैंग” अनुज की मौत का बदला लेगा—और बाबा सिद्दीकी की हत्या उसी प्रतिशोध की कड़ी थी।


लॉरेंस बिश्नोई का नेटवर्क जांच के घेरे में

हत्या के समय लॉरेंस बिश्नोई अहमदाबाद की साबरमती जेल में बंद था।
फिर भी, जांच एजेंसियों का मानना है कि गैंग ने जेल से लेकर विदेश तक सक्रिय नेटवर्क के ज़रिए अपराधों की श्रृंखला चलाए रखी।

अनमोल की गिरफ्तारी से NIA को उम्मीद है किः

  • विदेश में सक्रिय गैंग मॉड्यूल
  • रंगदारी की फंडिंग
  • शूटरों की भर्ती
  • गैंग के अंतरराष्ट्रीय लिंक

इन सभी पर ठोस जानकारी मिल सकेगी।


आगे की कार्रवाई और पूछताछ अहम

NIA अब अनमोल से यह जानने की कोशिश करेगी कि—

  • विदेश से गैंग ऑपरेशन कैसे चलता था?
  • फंडिंग के स्रोत क्या थे?
  • बाबा सिद्दीकी हत्या की योजना कहाँ बनी?
  • गोल्डी बराड़ से उसकी क्या भूमिका थी?

इस गिरफ्तारी को केंद्रीय एजेंसियां देशभर में सक्रिय टेरर-गैंगस्टर नेटवर्क के खिलाफ बड़ी सफलता मान रही हैं।

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