रायपुर, 18 नवंबर 2025
छत्तीसगढ़ ने जल संरक्षण और सामुदायिक भागीदारी के क्षेत्र में देशभर में अपनी विशेष पहचान बनाई है। राजधानी रायपुर और बालोद जिलों की उल्लेखनीय उपलब्धियों को देखते हुए National Water Award Raipur Balod 2025 के तहत राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित समारोह में दोनों जिलों को सम्मानित किया। यह सम्मान न केवल प्रशासनिक सफलता का प्रतीक है, बल्कि जनता की सक्रिय भागीदारी का सशक्त प्रमाण भी है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने दोनों जिलों की टीमों, नागरिकों और जनप्रतिनिधियों को बधाई देते हुए कहा कि लोगों में जाग रही जल चेतना भविष्य में जल सुरक्षा को मजबूत आधार देगी। उन्होंने कहा कि यह सम्मान पूरे प्रदेश में जल उपयोग के प्रति अनुशासन और संवेदनशीलता को और बढ़ाएगा।
रायपुर जिला—देश में प्रथम स्थान, पूर्वी जोन में तीसरा स्थान
रायपुर नगर निगम को जल संचय जनभागीदारी 1.0 अभियान के तहत उत्कृष्ट कार्य के लिए देश में प्रथम स्थान तथा पूर्वी जोन में तीसरा स्थान प्राप्त हुआ।
यह सम्मान कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह और नगर निगम आयुक्त श्री विश्वदीप ने ग्रहण किया।
रायपुर में जल संरक्षण को एक व्यापक सामुदायिक अभियान के रूप में विकसित किया गया।
जिला और नगर निगम द्वारा—
- 33,082 कार्य नगर निगम द्वारा,
- 36,282 कार्य जिला प्रशासन द्वारा,
- और राज्य स्तर पर 4,05,563 जल संरक्षण कार्य पूरे किए गए।
इनमें रेन वाटर हार्वेस्टिंग, रिचार्ज पिट्स, अमृत सरोवर, टॉप डैम और परकुलेशन टैंक जैसे महत्वपूर्ण कदम शामिल हैं।

तरल अपशिष्ट प्रबंधन में भी रायपुर की अनूठी पहल
रायपुर जिले ने न केवल वर्षा जल संरक्षण में बल्कि तरल अपशिष्ट प्रबंधन में भी बड़ा कदम उठाया है।
जिले में—
- 4 एसटीपी के माध्यम से 206 एमएलडी क्षमता,
- 9 औद्योगिक इकाइयों को 125.849 एमएलडी शुद्ध जल की आपूर्ति,
- 20 से अधिक सरोवरों का पुनर्जीवन,
- और स्मार्ट ग्राउंडवॉटर मॉनिटरिंग सिस्टम ने शहर को स्थायी जल प्रबंधन की दिशा में मजबूत मॉडल बनाया है।
बालोद जिला—पूर्वी जोन में प्रथम स्थान, मिला 2 करोड़ का प्रोत्साहन
राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2025 में छत्तीसगढ़ का दूसरा गौरव बना बालोद जिला, जिसे पूर्वी जोन में बेस्ट परफॉर्मिंग जिला घोषित किया गया।
राष्ट्रपति द्वारा यह सम्मान कलेक्टर श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा को प्रदान किया गया।
साथ ही बालोद को 2 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि भी दी गई।
कलेक्टर मिश्रा ने इस उपलब्धि का श्रेय जनप्रतिनिधियों, प्रशासन और बालोद की जनता को दिया।
अभियान के दौरान जिले में—
- 1,06,677 नई जल संरचनाएँ,
- 30,849 जल स्रोतों की मरम्मत,
- 10,000 रिचार्ज पिट प्रधानमंत्री आवासों में,
- 3.88 लाख पौधरोपण वन क्षेत्रों में,
- 27,000 से अधिक घरों में सोकपिट निर्माण,
- 1,09,027 स्टेगर्ड कंटूर ट्रेंच,
- 140 अमृत सरोवर,
- 6,160 निजी डबरी,
- 1,944 सामुदायिक तालाब,
- 399 मिनी परकुलेशन टैंक,
- 6,614 लूज बोल्डर चेक डैम,
- 69 स्टॉप डैम,
- 316 गेबियन चेक डैम,
- 423 कुएं निर्मित किए गए।
इतनी विस्तृत और अभूतपूर्व जल संरचनाओं ने बालोद को देश में जल संरक्षण का आदर्श मॉडल बना दिया।
छत्तीसगढ़—जल प्रबंधन में राष्ट्रीय पहचान
रायपुर और बालोद की उपलब्धियाँ यह साबित करती हैं कि जनभागीदारी, पारदर्शी प्रशासन और स्थानीय नवाचार जल संरक्षण के स्थायी मॉडल बना सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ जल सुरक्षा के भविष्य की मजबूत नींव रख रहा है, और ये सम्मान पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।
