बस्तर हाईस्कूल का शताब्दी समारोह: मुख्यमंत्री साय ने किया जीर्णोद्धार के लिए 1.5 करोड़ का ऐलान

रायपुर। छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक जगतु माहरा बस्तर हाईस्कूल ने सोमवार को अपने गौरवशाली शताब्दी वर्ष में प्रवेश किया। इस ऐतिहासिक अवसर पर आयोजित Bastar High School Centenary Celebration में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए और विद्यालय परिवार को 100 वर्षों की अद्भुत यात्रा पर हार्दिक शुभकामनाएं दीं।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि शिक्षा ही विकास की आधारशिला है और भारत की प्राचीन विचारधारा में नालंदा और तक्षशिला जैसे महाविद्यालय इसका प्रमाण हैं। उन्होंने बस्तर हाईस्कूल और कांकेर के नरहरदेव स्कूल को बस्तर क्षेत्र के शिक्षा स्तंभ बताया।


1926 से शुरू हुई शिक्षा यात्रा, अब बनी उत्कृष्टता की मिसाल

मुख्यमंत्री ने 1926 में संसाधनों की कमी के बावजूद इस विद्यालय की स्थापना को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि पिछले सौ वर्षों में इस विद्यालय ने अनगिनत होनहार विद्यार्थी तैयार किए, जो आज अलग-अलग क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ का नाम रोशन कर रहे हैं।

कई पूर्व छात्र इस समारोह में भावुक होकर अपने अनुभव साझा करते दिखे। मुख्यमंत्री ने उनके योगदान को नमन किया और संस्था के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।


समारोह में बड़ी घोषणाएँ: जीर्णोद्धार, छात्रावास और तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा

मुख्यमंत्री साय ने डेढ़ करोड़ रुपए की राशि से विद्यालय के जीर्णोद्धार की घोषणा की। साथ ही पोस्ट-मैट्रिक छात्रावास भवन के निर्माण की भी औपचारिक घोषणा की।

तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शैलेंद्र सिंह ठाकुर द्वारा उपलब्ध कराए गए दो ड्रोन टोकन स्वरूप प्रदान किए गए। इसके अलावा उन्होंने विद्यालय को 50 ड्रोन उपलब्ध कराने की सहमति भी दी।


स्मार्ट क्लास का लोकार्पण और ‘एक पेड़ मां के नाम’ में पौधारोपण

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री साय ने शताब्दी समारोह की पट्टिका का अनावरण किया।
उन्होंने स्व. ठाकुर देवेंद्र सिंह और स्व. श्रीमती शारदा ठाकुर की स्मृति में निर्मित दो स्मार्ट क्लासों का लोकार्पण भी किया।

विद्यालय परिसर में ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत परिजात का पौधा रोपित किया गया, जिसे विद्यार्थियों ने भी हर्षपूर्वक स्वीकार किया।


पूर्व छात्रों और शहीदों को श्रद्धांजलि

मुख्यमंत्री ने विद्यालय के सात शहीद पूर्व छात्रों के छायाचित्रों पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
उन्होंने न्योता भोज कार्यक्रम में स्कूली विद्यार्थियों को भोजन भी परोसा, जिससे माहौल और भी भावुक और पारिवारिक हो उठा।


शिक्षा मंत्री और जनप्रतिनिधियों ने साझा किए अनुभव

शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव ने कहा कि आजादी से पहले स्थापित यह विद्यालय बस्तर की शिक्षा विरासत का गौरव है।
जगदलपुर विधायक और पूर्व छात्र किरण देव ने बताया कि बस्तर हाईस्कूल और नरहरदेव स्कूल कभी पूरे अंचल के विद्यार्थियों की पहली पसंद हुआ करते थे।

उन्होंने कहा कि पूर्व छात्रों ने आईएएस, डॉक्टर, इंजीनियर, प्राध्यापक और उद्यमी बनकर समाज को दिशा दी है।


कार्यक्रम में अनेक जनप्रतिनिधि और अधिकारी हुए शामिल

इस अवसर पर वन मंत्री केदार कश्यप, सांसद महेश कश्यप, विधायक विनायक गोयल, छत्तीसगढ़ बेवरेज कॉर्पोरेशन अध्यक्ष श्रीनिवास राव मद्दी, जनजाति आयोग अध्यक्ष रूपसिंह मंडावी, जिला पंचायत अध्यक्ष वेदवती कश्यप, महापौर संजय पांडे, कमिश्नर डोमन सिंह, आईजी सुंदरराज पी., कलेक्टर हरिस एस., एसपी शलभ सिन्हा, विद्यालय के पूर्व और वर्तमान छात्र-छात्राएँ बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

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