छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश की सीमा पर मंगलवार को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई। अल्लुरी सीताराम राजू ज़िले के घने जंगलों में घंटों चली इस कार्रवाई में कम से कम 6 नक्सली मारे गए, जिनमें टॉप कमांडर और पीएलजीए प्रमुख माड़वी हिडमा भी शामिल है।
हिडमा वही नाम है, जिसके आतंक से बस्तर के कई इलाके दशकों तक दहले रहे। कई बड़ी नक्सली वारदातों का वह मास्टरमाइंड माना जाता था। इसी कारण इस मुठभेड़ को सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी सफलता कहा जा रहा है।
हिड़मा और उसकी पत्नी ढेर, बड़े कैडर का सफाया
सूत्रों के अनुसार, मारे गए नक्सलियों में कई बड़े कैडर शामिल हैं। इनमें हिडमा की पत्नी मदगाम राजे, जो एसजेडसीएम स्तर की माओवादी सदस्य थी, भी मार गिराई गई।
मुठभेड़ के बाद क्षेत्र में अभी भी कॉम्बिंग ऑपरेशन जारी है, क्योंकि सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि कुछ नक्सली जंगलों में छिपे हो सकते हैं।
मारे गए माओवादी नेताओं की सूची
- हिडमा – सीसी सदस्य और पीएलजीए कमांडर
- मदगाम राजे (हिडमा की पत्नी) – एसजेडसीएम
- लकमल – डीसीएम
- कमलू – पीपीसीएम
- मल्ला – पीपीसीएम
- देवे – हिडमा का रक्षक
इस कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने मौके से 2 एके-47, 1 रिवॉल्वर और 1 पिस्तौल भी बरामद की है।
जंगलों में तनाव, ऑपरेशन अब निर्णायक मोड़ पर
सुरक्षाबलों की टीमों ने बताया कि मुठभेड़ काफी चुनौतीपूर्ण रही। दुर्गम इलाके, घना जंगल और नक्सलियों की गहरी पकड़ के बावजूद संयुक्त बलों ने बिना किसी हानि के अभियान को अंजाम दिया।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि कई दिनों से जंगलों में असामान्य हलचल दिखाई दे रही थी। इसी सुराग के आधार पर सुरक्षा एजेंसियों ने ऑपरेशन की योजना बनाई।
माड़वी हिडमा के मारे जाने को विशेषज्ञ नक्सली संगठन के लिए बड़ा झटका बता रहे हैं। वे मानते हैं कि इससे दक्षिण बस्तर में चल रहा नक्सली नेटवर्क कमजोर पड़ेगा।
अभियान जारी, सुरक्षा व्यवस्था और सख्त
सुरक्षाबल अब आसपास के जंगलों में सर्चिंग तेज किए हुए हैं। दूसरी ओर, पुलिस ने स्थानीय गांवों में सावधानी बरतने के निर्देश जारी किए हैं, ताकि नक्सलियों के संभावित पलटवार से लोगों को सुरक्षित रखा जा सके।
