बिलासपुर स्वदेशी मेला: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा—“हर घर स्वदेशी, हर हाथ स्वदेशी ही आत्मनिर्भर भारत का मार्ग”

बिलासपुर:
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बिलासपुर के साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित सात दिवसीय स्वदेशी मेला का अवलोकन किया। इस दौरान स्वदेशी जागरण मंच, बिलासपुर ने मुख्यमंत्री का भव्य स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने भारत माता, भगवान बिरसा मुंडा और राष्ट्रऋषि दत्तोपंत ठेंगड़ी के छायाचित्र पर पुष्प अर्पित कर नमन किया।

स्टालों का निरीक्षण करते हुए उन्होंने कारीगरों, स्व-सहायता समूहों और युवा उद्यमियों के उत्पादों की सराहना की और कहा कि “इस प्रकार के आयोजन स्थानीय प्रतिभाओं को मंच देने के साथ-साथ प्रदेश की आर्थिक धुरी को मजबूत बनाते हैं।”


300 से अधिक स्टॉल, स्वदेशी कला और संस्कृति का भव्य प्रदर्शन

मेले में ढोकरा कला, बेलमेटल, कोसा वस्त्र, हस्तनिर्मित गृह सज्जा, जैविक उत्पाद और पारंपरिक व्यंजनों सहित 300 से अधिक स्वदेशी स्टॉल लगाए गए हैं।
यहां प्रदर्शित हस्तनिर्मित वस्तुओं की गुणवत्ता, पारंपरिक कारीगरी और विविधता आगंतुकों के लिए बड़ा आकर्षण बनी हुई है।


“स्वदेशी हमारी अस्मिता का उत्सव”—मुख्यमंत्री साय

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कहा—
“न्यायधानी बिलासपुर में स्वदेशी मेला केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि हमारी अस्मिता और आत्मसम्मान का उत्सव है।”

उन्होंने स्वदेशी जागरण मंच के संस्थापक दत्तोपंत ठेंगड़ी को नमन किया और बताया कि मंच वर्षों से प्रदेश के विभिन्न शहरों में स्वदेशी मेलों का आयोजन करता आ रहा है।
CM साय ने यह भी कहा कि इस वर्ष पहली बार बस्तर में भी बड़ा स्वदेशी मेला आयोजित हुआ, जिसमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी शामिल हुए।


‘लोकल फॉर वोकल’ से लेकर मेक इन इंडिया तक—स्वदेशी की नई ऊर्जा

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आज तक स्वदेशी आंदोलन देश की आत्मा रहा है।
उन्होंने कहा—
“2014 के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वदेशी को नई ऊर्जा दी। ‘लोकल फॉर वोकल’, ‘मेक इन इंडिया’, कौशल विकास और आत्मनिर्भर भारत अभियान ने देश में उद्यमिता को नया जीवन दिया।”

उन्होंने विदेशी वस्तुओं के उपयोग को कम करने पर जोर देते हुए कहा—
“यदि हम विदेशी वस्तुएं खरीदेंगे तो हमारा पैसा विदेश जाएगा। इसलिए स्वदेशी अपनाना राष्ट्रहित में अत्यंत आवश्यक है।”


कोसा, ढोकरा, बेलमेटल: छत्तीसगढ़ की वैश्विक पहचान

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के पारंपरिक उत्पाद अब वैश्विक पहचान प्राप्त कर चुके हैं।
उन्होंने बताया कि—
“स्व-सहायता समूहों की बहनें उच्च गुणवत्ता के उत्पाद तैयार कर रही हैं, जिनकी मांग स्थानीय से लेकर अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक बढ़ रही है।”

प्रदेश में स्थानीय उत्पादों के बड़े स्तर पर विपणन के लिए यूनिटी मॉल निर्माणाधीन है, जिससे उद्यमियों को राष्ट्रीय स्तर पर परिसरों से जुड़ने का अवसर मिलेगा।


आत्मनिर्भर भारत की आधारशिला है स्वदेशी—केंद्रीय मंत्री तोखन साहू

कार्यक्रम में शामिल केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने स्वदेशी जागरण मंच के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि पिछले 15 वर्षों में यह आयोजन एक विशाल मेला बन चुका है।
उन्होंने कहा—
“आर्थिक आज़ादी के साथ अब सांस्कृतिक आज़ादी की ओर बढ़ना है। स्वदेशी इसका मूल मंत्र है।”


स्वदेशी आंदोलन राष्ट्र के आर्थिक स्वाभिमान का सूत्र—विधायक

विधायक धरमलाल कौशिक और अमर अग्रवाल ने कहा कि स्वदेशी आंदोलन ने आजादी की लड़ाई में निर्णायक भूमिका निभाई थी।
अमर अग्रवाल ने कहा—
“1991 में प्रारंभ हुआ स्वदेशी अभियान आज आत्मनिर्भर भारत की बुनियाद बन चुका है।”


प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के हितग्राहियों को ऋण वितरित

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने PM SVANidhi योजना के तहत चार हितग्राहियों को प्रथम ऋण राशि प्रदान की।


अतिथियों का सम्मान और कार्यक्रम का समापन

कार्यक्रम के अंत में अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री अरुण साव, विधायक धर्मजीत सिंह, सुशांत शुक्ला, क्रेडा अध्यक्ष भूपेंद्र सवन्नी, महापौर पूजा विधानी, जिला पंचायत अध्यक्ष राजेश सूर्यवंशी, IG संजीव शुक्ला, कलेक्टर संजय अग्रवाल, SSP रजनेश सिंह सहित अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *