सुकमा में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़: तीन नक्सली ढेर, इस साल छत्तीसगढ़ में 262 की मौत

सुकमा (छत्तीसगढ़)। नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में रविवार सुबह फिर एक बड़ी मुठभेड़ हुई। जिला रिज़र्व गार्ड (DRG) की टीम और नक्सलियों के बीच बीहड़ पहाड़ियों में हुई इस कार्रवाई में तीन नक्सली मार गिराए गए। यह मुठभेड़ भेज्जी और चिंटागुफा थानों के बीच घने जंगलों में तड़के उस समय शुरू हुई, जब DRG टीम ने खास खुफिया जानकारी के आधार पर एंटी-नक्सल ऑपरेशन शुरू किया।

सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस किरण चव्हाण ने बताया कि क्षेत्र में माओवादी कैडर की मौजूदगी की पुख्ता सूचना मिलने के बाद DRG टीम ने तलाशी अभियान चलाया। मुठभेड़ के बाद तीन नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं और ऑपरेशन अभी भी जारी है।


इस साल अब तक 262 नक्सली ढेर

इस ताजा कार्रवाई के बाद साल 2025 में छत्तीसगढ़ में 262 नक्सलियों को मार गिराया जा चुका है।
यह आंकड़ा राज्य में नक्सल विरोधी अभियान की तेजी और प्रभाव को दर्शाता है।

कहाँ-कहाँ हुई सबसे ज्यादा कार्रवाई?

  • 233 नक्सली बस्तर डिवीजन में ढेर किए गए, जिसमें सुकमा समेत सात जिलों में सबसे ज्यादा ऑपरेशन हुए।
  • 27 नक्सलियों को गरियाबंद जिले (रायपुर डिवीजन) में मार गिराया गया।
  • दुर्ग डिवीजन के मोहला-मनपुर-अंबागढ़ चौकी जिले में 2 नक्सली मुठभेड़ में मारे गए।

सुरक्षा बलों के अनुसार, यह साल नक्सल प्रभावित इलाकों में अब तक की सबसे सक्रिय और सघन कार्रवाई का गवाह रहा है।


मुठभेड़ स्थल पर तनाव, इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी

बताया जा रहा है कि नक्सली दल इलाके में दोबारा मूवमेंट बढ़ाने की कोशिश कर रहे थे, जिसके बाद DRG ने ऑपरेशन तेज किया।
घने जंगल, ऊंची पहाड़ियाँ और दुर्गम रास्ते मुठभेड़ को चुनौतीपूर्ण बनाते हैं, लेकिन सुरक्षा बल लगातार इलाके को सुरक्षित करने में जुटे हैं।

स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, सुबह-सुबह गोलियों की आवाज़ सुनाई दी, जिसके बाद लोग घरों में ही सुरक्षित रहे। अब सुरक्षा बल पूरे क्षेत्र में कॉम्बिंग ऑपरेशन चला रहे हैं ताकि किसी भी तरह के नक्सली मूवमेंट को तुरंत रोका जा सके।


निष्कर्ष: नक्सल विरोधी अभियान में सुरक्षा बलों की बड़ी सफलता

Sukma encounter 3 Naxalites killed अभियान राज्य में चल रहे व्यापक नक्सल विरोधी प्रयासों की एक और कड़ी है।
छत्तीसगढ़ में इस वर्ष अब तक की गई कार्रवाई सुरक्षा बलों की रणनीति, तैयारी और दृढ़ संकल्प को दर्शाती है।

बस्तर में जारी ऑपरेशन आने वाले दिनों में और भी तेज़ हो सकता है, क्योंकि सुरक्षा एजेंसियाँ अब नक्सली नेटवर्क को जड़ से खत्म करने की दिशा में लगातार आगे बढ़ रही हैं।

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