दुर्ग। धमधा थाना क्षेत्र में शुक्रवार सुबह उस समय दर्दनाक हादसा हो गया जब ग्राम हीरेतरा में नींव खोदते समय कच्चे मकान की दीवार अचानक भरभरा कर गिर गई। इस हादसे में दो श्रमिकों की मौत हो गई। एक युवा मजदूर ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया, जबकि दूसरे की उपचार के दौरान मौत हो गई। गांव में सुबह का यह समय अचानक चीख-पुकार और अफरा-तफरी में बदल गया।
कैसे हुआ हादसा? — ‘Durg wall collapse’ का पूरा घटनाक्रम
थाना पुलिस के अनुसार, ग्राम हीरेतरा निवासी गुरुदेव चंदेल अपने नए मकान की नींव खुदवाने के लिए मजदूरों को बुलाए थे।
काम में शामिल थे—
- कमल नारायण ठाकुर (25 वर्ष)
- ईश्वरी गायकवाड़ (35 वर्ष)
- पोषण डांगे
- दुर्गेश ठाकुर
सुबह करीब 9 बजे सभी ने दो से तीन फीट गहरी नींव खोदना शुरू किया। नींव के ठीक पास एक कच्चे मकान की दीवार खड़ी थी, जो लगातार खोदाई के कंपन को सहन नहीं कर पाई। करीब एक घंटे बाद अचानक दीवार का बड़ा हिस्सा टूटकर नीचे गिर पड़ा।
दीवार गिरते ही कमल और ईश्वरी उसके नीचे दब गए।
बाकी दो मजदूर थोड़ी दूरी पर काम कर रहे थे, इसलिए वे बच गए और तुरंत मदद के लिए चिल्लाने लगे।
ग्रामीणों ने खुद निकाले मजदूर, फिर भी नहीं बचाई जा सकी जान
हादसे की सूचना मिलते ही ग्रामीण दौड़कर मौके पर पहुंचे।
डायल 112 से संपर्क किया गया, लेकिन उसके पहुंचने से पहले ग्रामीणों ने मिट्टी और मलबा हटाकर दोनों को बाहर निकाल लिया।
घायल मजदूरों को तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धमधा लाया गया, जहां डॉक्टरों ने कमल नारायण को मृत घोषित कर दिया।
ईश्वरी गायकवाड़ ने भी कुछ समय बाद इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
गांव में दोनों की मौत से शोक की लहर है। परिजनों और मजदूर साथियों ने इस हादसे को “अचानक आई मुसीबत” बताया, जिसका किसी को अंदाजा नहीं था।
पुलिस जांच जारी, मर्ग कायम
धमधा थाना पुलिस ने मौके का निरीक्षण कर मर्ग कायम कर विवेचना शुरू कर दी है।
प्राथमिक जांच में सामने आया है कि दीवार काफी पुरानी थी और मिट्टी की कमजोर संरचना के कारण अचानक गिर गई।
सुरक्षित निर्माण के लिए चेतावनी
इस हादसे ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा किया है कि बिना सुरक्षा मानकों के निर्माण कार्य मजदूरों की जान पर भारी पड़ सकता है।
स्थानीय लोग कह रहे हैं कि—
- कच्ची दीवार के पास नींव की खुदाई,
- बिना सपोर्ट सिस्टम के कार्य,
- और सुरक्षा उपकरणों की कमी
इस जैसी दुर्घटनाओं को संभावित बनाती हैं।
