Bypoll Election Results 2025 के लिए वोटों की गिनती शुक्रवार सुबह 8 बजे से शुरू हुई। 11 नवंबर को हुए इन उपचुनावों ने जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, झारखंड, तेलंगाना, पंजाब, मिजोरम और ओडिशा की आठ महत्वपूर्ण सीटों को भरना था। चुनाव आयोग के अनुसार, मतदान शांतिपूर्ण रहा और कई सीटों पर मतदाताओं ने उत्साह दिखाया।
🔹 किस कारण खाली हुई थीं सीटें?
इन उपचुनावों में शामिल सीटें अलग-अलग कारणों से रिक्त हुई थीं—
- बडगाम (J&K): उमर अब्दुल्ला का इस्तीफ़ा
- नागरोता (J&K): देवेंद्र सिंह राणा का निधन
- अंटा (राजस्थान): कनवरलाल की अयोग्यता
- घाटशिला (ST, झारखंड): रामदास सोरेन का निधन
- जुबली हिल्स (तेलंगाना): मगंटी गोपीनाथ का निधन
- तरनतारण (पंजाब): डॉ. कश्मीर सिंह सोहल का निधन
- डम्पा (ST, मिजोरम): लालरिन्तलुआंगा सैला का निधन
- नुआपाड़ा (ओडिशा): राजेन्द्र धोलकिया का निधन
इन सीटों पर हुए मतदान का माहौल राज्यों में अलग-अलग रहा, फिर भी मतदाताओं ने लोकतंत्र के प्रति अपनी निष्ठा का प्रदर्शन किया।
🔹 वोटिंग प्रतिशत: कहां रहा उत्साह सबसे अधिक?
मतदाता उपस्थिति ने कई जगह उत्साह बढ़ाया:
- डम्पा (मिजोरम) – 82.3%
- अंटा (राजस्थान) – 80.3%
- नुआपाड़ा (ओडिशा) – 79.4%
- नागरोता (J&K) – 75.1%
वहीं तेलंगाना के जुबली हिल्स में सबसे कम 48.5% मतदान दर्ज हुआ।
🔹 PDP की बडगाम में शानदार जीत
जम्मू-कश्मीर की बडगाम सीट पर PDP ने महत्वपूर्ण जीत दर्ज की।
PDP उम्मीदवार आगा सैयद मुन्तज़िर मेहदी ने नेशनल कॉन्फ़्रेंस के आगा सैयद महमूद अल-मोसावी को 4,478 वोटों से हराया।
ग्रामीण इलाकों के मतदान केंद्रों में सुबह से ही लंबी कतारें नजर आईं, जिससे मुकाबला रोमांचक बना रहा। इस जीत ने PDP कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा भर दी है।
🔹 जुबली हिल्स: कांग्रेस ने BRS का गढ़ जीता
तेलंगाना की जुबली हिल्स सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार नवीन यादव ने बाजी मारी। यह सीट लंबे समय से BRS का मजबूत किला मानी जाती थी, लेकिन मतदाताओं ने इस बार बदलाव को चुना।
जीत के बाद नवीन यादव ने कहा—
“मैं उन सभी मतदाताओं का आभारी हूं जिन्होंने मुझ पर भरोसा जताया और भारी बहुमत से जीत दिलाई।”
यह जीत कांग्रेस के लिए दक्षिण भारत में एक मजबूत संकेत मानी जा रही है।
🔹 आगे की राह: राजनीतिक दलों की रणनीति पर नजर
जैसे-जैसे Bypoll Election Results 2025 सामने आ रहे हैं, राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि ये नतीजे आगामी राज्यों के चुनावों की दिशा तय कर सकते हैं। कई क्षेत्रों में सत्ता दलों और विपक्ष के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिला।
उपचुनावों के ये परिणाम स्थानीय मुद्दों, वोटर भावना और क्षेत्रीय नेतृत्व पर जनता के विश्वास का संकेत हैं।
