रायपुर:
रायपुर पुलिस ने करीब पांच महीने से फरार चल रहे कुख्यात हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र सिंह तोमर की पूछताछ प्रक्रिया पूरी कर ली है। पुलिस शुक्रवार को तोमर को अदालत में पेश करेगी और उसे न्यायिक हिरासत में भेजने का अनुरोध करेगी। यह कार्रवाई उन मामलों के बीच हुई है जिनमें तोमर पर आर्म्स एक्ट, सूदखोरी, धमकाने, ब्लैकमेल, और अवैध वसूली जैसे गंभीर आरोप लगे हैं।
🕵️♂️ गिरफ्तारी के बाद विस्तृत पूछताछ
पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद दोनों मामलों से जुड़े बिंदुओं पर विस्तृत पूछताछ की।
घर में बरामद हथियारों के बारे में पूछे जाने पर तोमर ने दावा किया कि ये हथियार उसके निजी सुरक्षा कर्मी के हैं।
पूछताछ के दौरान उसने यह भी स्वीकार किया कि फरारी के दौरान उसे क्षणिय करणी सेना से जुड़े लोगों की सहायता मिलती रही। यह जानकारी पुलिस के लिए उसके नेटवर्क की गहराई समझने में अहम साबित हो रही है।
⚠️ पीड़ितों से आमना-सामना क्यों नहीं कराया गया?
अधिकारी बताते हैं कि फरारी के दौरान भी कई पीड़ितों पर डर और दबाव बना हुआ था।
यही कारण है कि पुलिस ने सुरक्षा के मद्देनज़र पूछताछ में पीड़ितों और आरोपी को आमने-सामने नहीं किया।
पुलिस का मानना है कि यह कदम पीड़ितों की सुरक्षा और साहस बनाए रखने के लिए आवश्यक था।
📂 कर्ज, एग्रीमेंट और प्रॉपर्टी दस्तावेजों पर पूछताछ
पुलिस ने आरोपी के सामने—
- कर्ज से जुड़े एग्रीमेंट,
- चेक,
- प्रॉपर्टी दस्तावेज,
- और ब्याज के लेन-देन का पूरा रिकॉर्ड
रखकर पूछताछ की।
अधिकारियों का कहना है कि इन दस्तावेजों के आधार पर अदालत में मजबूत केस पेश किया जाएगा।
🚨 तोमर के नेटवर्क पर पुलिस की कड़ी नजर
तोमर का नेटवर्क काफी बड़ा रहा है। इस बीच पुलिस ने उसके साथी रोहित सिंह तोमर और अन्य आरोपियों की तलाश भी तेज कर दी है।
- रोहित सिंह तोमर अभी भी फरार है।
- उस पर चार प्राथमिकियां दर्ज हैं।
- पुलिस उसके संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश दे रही है।
इसके अलावा, अवैध वसूली गिरोह से जुड़े अन्य संदिग्धों पर भी विशेष नजर रखी जा रही है।
अंततः, रायपुर पुलिस की गिरफ्त में आए हिस्ट्रीशीटर की यह कार्रवाई न सिर्फ एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि यह भी संकेत देती है कि शहर में Virendra Singh Tomar arrest मामले से जुड़े हर पहलू पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
