रायपुर:
छत्तीसगढ़ में चल रही मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया को लेकर कांग्रेस ने गुरुवार को समय-सीमा बढ़ाने की आधिकारिक मांग की। कांग्रेस का कहना है कि वर्तमान परिस्थितियों में निर्धारित अवधि के भीतर पूरे राज्य के मतदाताओं तक पहुंचना बेहद चुनौतीपूर्ण है। इस मांग को लेकर पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) को ज्ञापन सौंपा।
🗓 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक चल रही है SIR प्रक्रिया
निर्वाचन आयोग के निर्देशों के मुताबिक राज्य में 4 नवंबर से 4 दिसंबर 2025 तक SIR कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस अवधि में बूथ लेवल अधिकारी घर-घर पहुंचकर गणना प्रपत्र वितरित कर रहे हैं।
राज्य में कुल 2,12,30,737 पंजीकृत मतदाता हैं। इतने बड़े दायरे में पहुंचकर सटीक डेटा जुटाने के लिए वर्तमान समय-सीमा, कांग्रेस के अनुसार, पर्याप्त नहीं है।
📄 कांग्रेस ने रखा यह तर्क
पीसीसी संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने बताया कि एसआईआर निगरानी समिति के संयोजक और पूर्व मंत्री मोहन मरकाम के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने सीईओ से समय-सीमा बढ़ाने का आग्रह किया।
कांग्रेस का कहना है कि:
- निर्धारित समय में दो करोड़ से अधिक मतदाताओं तक पहुंचना कठिन है।
- कई लोग आवश्यक दस्तावेज समय पर उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं।
- खासकर दूरस्थ और वन क्षेत्रों में संपर्क और परिवहन सुविधाएँ सीमित हैं।
🌳 आदिवासी और वन क्षेत्रों के लिए अधिक समय की मांग
कांग्रेस ने तर्क दिया कि छत्तीसगढ़ के कई हिस्से घने वन क्षेत्रों से घिरे हैं। यहां संचार और परिवहन की कमी के कारण जानकारी देर से पहुँचती है।
ग्रामीणों को पहचान पत्र, निवास प्रमाण या आयु प्रमाण जुटाने में अतिरिक्त समय लगता है। इसलिए, ऐसे इलाकों के लिए समय-सीमा बढ़ाना न्यायसंगत और आवश्यक है।
🌧 बस्तर के बाढ़ प्रभावित परिवारों का भी दिया हवाला
कांग्रेस ने यह भी कहा कि बस्तर में बाढ़ प्रभावित परिवारों का पुनर्वास अभी जारी है। कई परिवारों के दस्तावेज बाढ़ में नष्ट हो गए थे। ऐसे लोग SIR प्रक्रिया में तुरंत शामिल नहीं हो पा रहे, जिससे उनकी सहभागिता प्रभावित हो सकती है।
🌾 धान कटाई के कारण ग्रामीण व्यस्त
ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों धान कटाई का समय है। किसान और ग्रामीण इस काम में व्यस्त हैं, जिसके चलते वे गणना पत्रक भरने की प्रक्रिया में समय पर शामिल नहीं हो पा रहे हैं।
कांग्रेस का कहना है कि यह सब मिलकर SIR समय-सीमा बढ़ाने की जरूरत को और मजबूत करता है।
🕘 2003 के बाद पहली बार हो रहा गहन पुनरीक्षण
अधिकारियों के अनुसार, छत्तीसगढ़ में पिछली बार SIR प्रक्रिया साल 2003 में आयोजित हुई थी। 22 साल बाद हो रहे इस बड़े पुनरीक्षण में सटीक और समावेशी मतदाता सूची तैयार करने के लिए अधिक समय महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
अंत में, कांग्रेस का मानना है कि वर्तमान चुनौतियों को देखते हुए SIR process Chhattisgarh की समय-सीमा बढ़ाना ही बेहतर और निष्पक्ष विकल्प है। अब चुनाव आयोग इस मांग पर क्या निर्णय लेता है, इस पर सबकी निगाहें टिकी हैं।
