रायपुर, 13 नवंबर 2025:
छत्तीसगढ़ सरकार ने महासमुंद जिले के विकासखण्ड बागबाहरा स्थित लमकेनी जलाशय की नहरों के रिमॉडलिंग, लाईनिंग और मरम्मत कार्यों के लिए 4 करोड़ 14 लाख 30 हजार रुपए की स्वीकृति प्रदान की है। यह स्वीकृति जल संसाधन विभाग मंत्रालय (महानदी भवन, रायपुर) द्वारा जारी की गई है।
💧 सिंचाई क्षमता में होगी बढ़ोतरी
जल संसाधन विभाग के अनुसार, इन कार्यों के पूर्ण होने के बाद लमकेनी जलाशय की रूपांकित सिंचाई क्षमता 516 हेक्टेयर के मुकाबले 218 हेक्टेयर की कमी की पूर्ति हो सकेगी। इससे पूरे निर्धारित क्षेत्र में सिंचाई सुविधा सुचारू रूप से उपलब्ध होगी और किसानों को बेहतर जल आपूर्ति मिलेगी।
यह परियोजना ग्रामीण कृषि विकास को सशक्त बनाने और जल संरक्षण प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
🏗️ रिमॉडलिंग और मरम्मत कार्य की रूपरेखा
स्वीकृत राशि से नहरों की लाईनिंग (lining), पक्के कार्यों की मरम्मत, और सिंचाई संरचनाओं का सुधार किया जाएगा। इससे जल रिसाव में कमी आएगी और जल वितरण की दक्षता बढ़ेगी।
विभाग ने इस परियोजना की तकनीकी जिम्मेदारी मुख्य अभियंता, महानदी गोदावरी कछार जल संसाधन विभाग रायपुर को सौंपी है। प्रशासकीय स्वीकृति भी इन्हीं को जारी की गई है।
🌾 किसानों को मिलेगा सीधा लाभ
इस परियोजना के पूर्ण होने के बाद महासमुंद और बागबाहरा क्षेत्र के सैकड़ों किसान लाभान्वित होंगे। जलाशय से मिलने वाली सिंचाई सुविधा से फसल उत्पादन में वृद्धि होगी और जल उपलब्धता स्थायी बनेगी।
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार की रिमॉडलिंग योजनाएं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा देने का कार्य करती हैं।
💬 सरकार की प्राथमिकता—कृषि और जल प्रबंधन
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रदेश में चल रही सिंचाई परियोजनाओं का मुख्य उद्देश्य किसानों को समय पर और पर्याप्त पानी उपलब्ध कराना है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की नेतृत्व में राज्य सरकार ग्रामीण विकास और जल प्रबंधन को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है।
✅ निष्कर्ष:
लमकेनी जलाशय परियोजना की स्वीकृति से न केवल जल आपूर्ति व्यवस्था सुधरेगी, बल्कि कृषि उत्पादन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। यह पहल छत्तीसगढ़ सरकार की किसान हितैषी नीतियों की दिशा में एक और ठोस कदम है।
