सुकमा (छत्तीसगढ़): राज्य के नक्सल प्रभावित इलाकों में एक ऐतिहासिक दृश्य देखने को मिला, जब छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा सोमवार को सुकमा जिले के पूर्वर्ती गांव पहुंचे। यह वही गांव है जहां से कुख्यात नक्सली कमांडर हिड़मा और देवा बारसे का संबंध है।
गृहमंत्री ने यहां दोनों नक्सल नेताओं की माताओं से मुलाकात की, उनके साथ जमीन पर बैठकर भोजन किया और उनसे अपील की कि वे अपने बेटों को समझाएं कि वे हथियार छोड़कर मुख्यधारा में लौट आएं।
🔥 हार्डकोर नक्सली इलाका, लेकिन गृहमंत्री पहुंचे सीधे गांव
पूर्वर्ती गांव को लंबे समय से हार्डकोर नक्सली क्षेत्र माना जाता है। सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील इस इलाके में गृहमंत्री का पहुंचना एक साहसिक कदम माना जा रहा है।
विजय शर्मा ने कहा, “हमारा उद्देश्य है कि हर भटका हुआ युवा समाज की मुख्यधारा से जुड़कर क्षेत्र के विकास में सहभागी बने। सरकार पुनर्वास की पूरी जिम्मेदारी लेगी।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि—
“अगर कोई नक्सली सरेंडर नहीं करता और हिंसा करता है, तो सुरक्षा बल पूरी मजबूती से जवाब देंगे।”

👩🦱 मां की भावनात्मक अपील: ‘बेटा घर लौट आओ’
गृहमंत्री के सामने नक्सली कमांडर हिड़मा की मां माड़वी पुंजी और देवा की मां बारसे सिंगे ने अपने बेटों से भावनात्मक अपील की।
गोंडी भाषा में कही गई उनकी बातों को अधिकारियों ने हिन्दी में अनुवाद किया।
माड़वी पुंजी ने कहा,
“कहां पर हो बेटा, आ जाओ कह रही हूं। अब सब छोड़ दो। जंगल में भटकने से किसी का भला नहीं हो रहा। घर लौट आओ, गांव में रहो, काम करो।”
उनकी यह अपील वहां मौजूद ग्रामीणों को भी भावुक कर गई।
🕊️ सरकार की पहल: पुनर्वास और विकास का वादा
विजय शर्मा ने कहा कि सरकार ने मार्च 2026 तक नक्सलवाद खत्म करने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए सुरक्षाबल लगातार सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं, साथ ही भटके युवाओं को समाज में वापस लाने की पुनर्वास नीति लागू की जा रही है।
उन्होंने कहा,
“जो भी नक्सली आत्मसमर्पण करेगा, उसे सुरक्षित वापसी और सम्मानजनक पुनर्वास दिया जाएगा। यह सरकार का वादा है।”
🌱 मुख्यधारा की ओर लौटते नक्सली
गृहमंत्री की इस पहल को नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र में शांति बहाली की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
हाल के महीनों में दर्जनों नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, और प्रशासन को उम्मीद है कि हिड़मा जैसे बड़े कमांडर भी अब इस अपील पर ध्यान देंगे।

✍️ मानवता और विकास की राह पर लौटने की अपील
विजय शर्मा ने कहा कि जो युवा अब भी जंगल में हैं, उन्हें समझना चाहिए कि हिंसा किसी समाधान का रास्ता नहीं है।
उन्होंने कहा, “अब समय है हथियार छोड़कर विकास, शिक्षा और रोजगार की दिशा में कदम बढ़ाने का।”
