नई दिल्ली/इस्लामाबाद – दक्षिण एशिया में एक बार फिर तनाव की लहर दौड़ गई है। दो दिन के भीतर भारत और पाकिस्तान की राजधानियों में हुए घातक Delhi Islamabad blasts ने पूरे क्षेत्र में सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
🔴 दिल्ली में धमाका: लाल किला क्षेत्र में दहशत
दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किला इलाके में सोमवार को हुए कार धमाके में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई और एक दर्जन से अधिक घायल हुए। यह इलाका आम तौर पर पर्यटकों और दुकानदारों से भरा रहता है।
पुलिस ने बताया कि धमाके से कुछ घंटे पहले फरीदाबाद में हजारों किलोग्राम विस्फोटक बरामद किए गए थे। जांच एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि क्या इन दोनों घटनाओं का आपस में कोई संबंध है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना की निंदा करते हुए कहा, “जो भी इस साजिश के पीछे हैं, उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।”
वहीं विपक्ष ने केंद्र सरकार पर सुरक्षा चूक का आरोप लगाते हुए कहा कि देश के लोग अब खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

💣 इस्लामाबाद में आत्मघाती हमला: 12 की मौत
मंगलवार को पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के न्यायिक परिसर में हुए आत्मघाती विस्फोट ने पूरे देश को हिला दिया।
पुलिस के अनुसार, धमाका उस इलाके में हुआ जहां कई वरिष्ठ अधिकारी और वकील नियमित रूप से आते-जाते हैं। इसमें कम से कम 12 लोगों की मौत हुई और 20 से अधिक घायल हुए।
जमात-उल-अहरार नामक आतंकी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी ली है। हालांकि, पाकिस्तान तालिबान (TTP) ने इससे खुद को अलग बताया है।
रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा, “यह हमला हमारे लिए युद्ध का संकेत है। हमें अब अफगान सीमा से आने वाले खतरों पर कड़ी कार्रवाई करनी होगी।”
⚖️ भारत-पाकिस्तान में आरोप-प्रत्यारोप
दोनों देशों में धमाकों के बाद राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने बिना सबूत दिए भारत पर “आतंकी साजिश” का आरोप लगाया।
वहीं नई दिल्ली ने इन आरोपों को “झूठा और निराधार” बताते हुए सख्त प्रतिक्रिया दी।
पाकिस्तान की ओर से दावा किया गया कि हमला “भारतीय समर्थित आतंकियों” ने अफगान धरती से किया। इस पर भारत ने कहा कि पाकिस्तान अपनी आंतरिक असफलताओं से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहा है।
🌏 क्षेत्रीय विशेषज्ञों की चेतावनी
दक्षिण एशिया नीति संस्थान की निदेशक फर्वा आमिर ने कहा, “Delhi Islamabad blasts यह दिखाते हैं कि क्षेत्र किस तरह अस्थिरता की कगार पर है। हमें टकराव नहीं, बल्कि संयम और सहयोग की जरूरत है।”
इसी तरह टफ्ट्स यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर फहद हुमायूं ने कहा कि इस साल पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच हिंसा ने दोनों देशों की सुरक्षा पर गहरा असर डाला है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि राजनीतिक बयानबाजी जारी रही तो यह तनाव भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान—तीनों को अस्थिर कर सकता है।
🕊️ शांति की अपील
दिल्ली और इस्लामाबाद में हुए इन धमाकों ने यह साबित कर दिया है कि दक्षिण एशिया में सुरक्षा अब भी नाजुक है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह समय आरोप लगाने का नहीं, बल्कि सहयोग और संवाद बढ़ाने का है।
क्योंकि यदि पड़ोसी देश मिलकर आतंकवाद से नहीं लड़ेंगे, तो यह संकट पूरे क्षेत्र के लिए दीर्घकालिक खतरा बन सकता है।
