देशभर में सुरक्षा एजेंसियां दिल्ली धमाके के बाद अलर्ट मोड में हैं। हर जगह सुरक्षा जांच को लेकर पुलिस और प्रशासन सख्त है। लेकिन इसी बीच छत्तीसगढ़ के Durg Railway Station से चौंकाने वाली लापरवाही सामने आई है।
⚠️ बैगेज स्कैनिंग मशीन महीनों से बंद
स्टेशन स्टाफ के मुताबिक, दुर्ग रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के सामान की जांच के लिए लगी बैगेज स्कैनिंग मशीन कई महीनों से खराब पड़ी है। सुरक्षा मानकों के अनुसार हर यात्री के बैग की स्कैनिंग अनिवार्य होती है, लेकिन मशीन बंद होने से यह प्रक्रिया पूरी तरह ठप है।
🚆 रोजाना 100 से ज्यादा ट्रेनों का संचालन
दुर्ग रेलवे स्टेशन छत्तीसगढ़ का तीसरा सबसे बड़ा जंक्शन है। यहां से हर दिन 100 से अधिक ट्रेनों का संचालन होता है और हज़ारों यात्री रोजाना गुजरते हैं। इतने बड़े पैमाने पर यात्रियों की आवाजाही के बावजूद सुरक्षा जांच का अभाव चिंता का विषय बन गया है।
👮♂️ अधिकारियों के बयान में विरोधाभास
जब स्टेशन मास्टर से इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि यह मशीन 15 अगस्त से बंद है और इसका संचालन RPF द्वारा किया जाता है। वहीं, RPF प्रभारी का कहना है कि यह जनवरी-फरवरी से बंद है, क्योंकि टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है।
इस विरोधाभासी बयान से यह साफ है कि रेलवे सुरक्षा व्यवस्था में समन्वय की कमी है।

🧩 यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल
देश में बढ़ते सुरक्षा खतरों के बीच ऐसी लापरवाही गंभीर परिणाम दे सकती है। रेलवे स्टेशन जैसे संवेदनशील स्थानों पर तकनीकी खराबी का इतने लंबे समय तक बने रहना न केवल सुरक्षा एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है, बल्कि यात्रियों की जान को भी खतरे में डालता है।
🚨 जरूरी कदमों की मांग
स्थानीय यात्रियों और सामाजिक संगठनों ने रेलवे प्रशासन से मांग की है कि Durg Railway Station की सुरक्षा जांच प्रणाली को तत्काल बहाल किया जाए और बैगेज स्कैनिंग मशीन को जल्द से जल्द चालू किया जाए।
