गढ़चिरौली। छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित घने जंगलों में मंगलवार सुबह से जारी भीषण मुठभेड़ में कई नक्सलियों के मारे जाने की खबर है।
जिला रिजर्व गार्ड (DRG), कोबरा कमांडो, और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम ने बीजापुर-गढ़चिरौली के जंगलों को घेर रखा है और तलाशी अभियान जारी है।
अधिकारियों के मुताबिक, यह मुठभेड़ सुबह करीब 6 बजे उस समय शुरू हुई जब संयुक्त पेट्रोलिंग टीम को सीपीआई (माओवादी) की दंडकारण्य विशेष जोनल समिति के 20-25 सशस्त्र नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिली।
मुठभेड़ जारी, कई माओवादी कमांडर निशाने पर
सुरक्षाबलों ने बताया कि कई हार्डकोर नक्सली कमांडर मारे गए हैं, हालांकि सटीक संख्या की पुष्टि तलाशी पूरी होने के बाद ही की जाएगी।
नक्सलियों ने स्वचालित हथियारों और ग्रेनेड से हमला किया, जिसके जवाब में जवानों ने जोरदार पलटवार किया।
घना जंगल और कठिन भूभाग मुठभेड़ को लंबा खींच रहा है, जिससे क्षेत्र में तनाव का माहौल है।
डीआरजी और कोबरा कमांडो का संयुक्त अभियान
सुरक्षाबलों ने क्षेत्र को पूरी तरह से कॉर्डन (घेरा) कर लिया है ताकि नक्सलियों के भागने के रास्ते बंद किए जा सकें।
अभी तक किसी जवान के हताहत होने की खबर नहीं है।
पास के कैंपों से अतिरिक्त बल भेजा गया है ताकि जंगल की तलाशी और तेज़ी से हो सके।
पिछले एक सप्ताह से बढ़ा नक्सल विरोधी अभियान
यह अभियान उसी श्रृंखला का हिस्सा है जो पिछले हफ्ते से बस्तर संभाग में चल रहा है।
9 नवंबर को सुकमा के जंगलों में भी एक छोटी मुठभेड़ हुई थी, जिसमें नक्सली भागने में सफल रहे थे।
सूत्रों के अनुसार, वही गुट अब इस बड़े ऑपरेशन के दौरान बीजापुर-गढ़चिरौली सीमा पर सक्रिय है।
तेलंगाना सीमा पर भी हुआ था बड़ा ऑपरेशन
5-6 नवंबर को तेलंगाना-छत्तीसगढ़ सीमा पर हुए ऑपरेशन में तीन नक्सली मारे गए थे, जिनमें एक ₹5 लाख इनामी डिप्टी कमांडर भी शामिल था।
उस कार्रवाई में दो AK-47 राइफलें और IED सामग्री बरामद हुई थी।
सुरक्षा बलों का मानना है कि लगातार हो रही इन कार्रवाइयों ने माओवादी नेटवर्क को कमजोर कर दिया है।
बस्तर में नक्सल गतिविधियों में आई भारी गिरावट
इस वर्ष बस्तर संभाग में नक्सली घटनाओं में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है।
2025 की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति के तहत अब तक 400 से अधिक नक्सलियों ने हथियार डाले हैं।
राज्य सरकार ने आत्मसमर्पण करने वालों को कौशल प्रशिक्षण, आवास और ₹2.5 लाख तक की आर्थिक सहायता देने की योजना शुरू की है।
गृह मंत्री ने कहा – नक्सल मुक्त बस्तर की ओर निर्णायक कदम
राज्य के गृह मंत्री विजय शर्मा ने हाल ही में बीजापुर दौरे पर कहा था कि सरकार का लक्ष्य नक्सल मुक्त बस्तर बनाना है।
उन्होंने कहा, “सुरक्षाबलों की कार्रवाई और विकास योजनाएं साथ-साथ चल रही हैं। सड़क, मोबाइल हेल्थ यूनिट और शिक्षा जैसी सुविधाओं से अब गांवों में विश्वास लौट रहा है।”
तकनीकी और खुफिया समन्वय से कमजोर हुआ माओवादी तंत्र
सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि राज्यों के बीच खुफिया साझेदारी, ड्रोन निगरानी, और मानव स्रोतों की सक्रियता ने नक्सलियों की ताकत को काफी कम किया है।
गढ़चिरौली-बीजापुर की यह सीमा हथियार आपूर्ति का अहम मार्ग मानी जाती है, इसलिए यहां संयुक्त अभियान को रणनीतिक सफलता माना जा रहा है।
मुठभेड़ के बाद तलाशी अभियान जारी
सुरक्षाबल अब आसपास के इलाकों में हथियारों, विस्फोटकों और नक्सली सामग्रियों की तलाश में जुटे हैं।
संभावना है कि मौके से INSAS राइफलें और जिलेटिन स्टिक जैसे हथियार बरामद किए जाएं।
अधिकारियों के अनुसार, इस ऑपरेशन के नतीजे से बस्तर क्षेत्र में नक्सलियों के मनोबल पर गहरा असर पड़ेगा।
