जल संरक्षण में चमका तेलंगाना, छत्तीसगढ़ को दूसरा स्थान: राष्ट्रीय जल पुरस्कार में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी सम्मानित

नई दिल्ली। जल शक्ति मंत्रालय ने मंगलवार को घोषणा की कि ‘जल संचय जन भागीदारी (JSJB) 1.0’ पहल के तहत तेलंगाना ने 5.2 लाख जल संरक्षण संरचनाएँ बनाकर देश में पहला स्थान प्राप्त किया है।
वहीं छत्तीसगढ़ ने 4.05 लाख संरचनाओं के साथ दूसरा स्थान, और राजस्थान ने 3.64 लाख संरचनाओं के साथ तीसरा स्थान हासिल किया।

इस अवसर पर जल शक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल ने बताया कि यह पुरस्कार “जल शक्ति अभियान: कैच द रेन” कार्यक्रम के अंतर्गत दिए जा रहे हैं।


18 नवंबर को राष्ट्रपति करेंगी सम्मानित

पुरस्कार समारोह 18 नवंबर 2025 को आयोजित होगा, जिसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पुरस्कार प्रदान करेंगी।
इस कार्यक्रम में जल संसाधन विभाग के सचिव वी. एल. कंठा राव भी मौजूद रहेंगे।
कुल मिलाकर इस वर्ष 100 पुरस्कार विभिन्न श्रेणियों — राज्यों, जिलों, नगर निकायों, उद्योगों, और सामाजिक संगठनों को प्रदान किए जाएंगे।


छत्तीसगढ़ ने पूर्वी जोन में किया शानदार प्रदर्शन

पूर्वी जोन में छत्तीसगढ़ के जिले शीर्ष पर रहे।

  • बालोद जिला: 92,742 संरचनाएँ (प्रथम)
  • राजनांदगांव: 58,967 संरचनाएँ (द्वितीय)
  • रायपुर: 36,282 संरचनाएँ (तृतीय)

इन जिलों ने सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से जल संरक्षण को जन आंदोलन का रूप दिया।


नगर निगम श्रेणी में रायपुर रहा देशभर में अव्वल

रायपुर नगर निगम ने देशभर में सबसे उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, जहाँ 33,082 जल संरक्षण कार्य पूरे किए गए।
इसके बाद हैदराबाद मेट्रो वाटर सप्लाई बोर्ड (14,363 कार्य) और गोरखपुर नगर निगम (14,331 कार्य) रहे।
इन तीनों को ₹2 करोड़ की नकद राशि से सम्मानित किया जाएगा।


राज्यों और जिलों में हुआ व्यापक प्रभाव

उत्तर भारत में उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर (35,509 कार्य), वाराणसी (24,409), और जालौन (16,279) शीर्ष पर रहे।
दक्षिण भारत में तेलंगाना के आदिलाबाद (98,693), नलगोंडा (84,827) और मंचेरियल (84,549) जिलों ने शानदार प्रदर्शन किया।
मध्य प्रदेश के पूर्व निमाड़ (East Nimar) ने 1.29 लाख संरचनाएँ बनाकर पश्चिमी जोन में पहला स्थान पाया, जबकि त्रिपुरा के नॉर्थ त्रिपुरा ने पूर्वोत्तर श्रेणी में अव्वल स्थान प्राप्त किया।


एनजीओ और उद्योग जगत को भी मिला सम्मान

फिक्की (FICCI) वॉटर मिशन और एसोचैम (ASSOCHAM) को सर्वश्रेष्ठ उद्योग संगठन घोषित किया गया।
एनजीओ श्रेणी में जलतारा सेव ग्राउंडवॉटर ने 8,256 कार्य पूरे कर शीर्ष स्थान हासिल किया, इसके बाद गिरगंगा परिवार और आर्ट ऑफ लिविंग रहे।


छत्तीसगढ़ के प्रयासों को राष्ट्रीय पहचान

छत्तीसगढ़ के अधिकारियों ने जल संरक्षण अभियानों को जमीनी स्तर पर सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
राज्य में जनभागीदारी के माध्यम से 4 लाख से अधिक जल संरचनाएँ निर्मित हुईं, जिससे भूजल स्तर में सुधार हुआ और ग्रामीण क्षेत्रों में जल संकट कम हुआ।


“जल संचय जन भागीदारी” क्या है?

सितंबर 2024 में सूरत से शुरू की गई यह पहल जल संरक्षण को “जन आंदोलन” के रूप में बढ़ावा देती है।
इस मॉडल के तहत राज्यों को न्यूनतम 10,000 संरचनाएँ, नगर निगमों को 10,000, और शहरी स्थानीय निकायों को 2,000 जल संरक्षण कार्य पूरे करने का लक्ष्य दिया गया था।


विकसित भारत के लिए जल संरक्षण एक जन अभियान

जल शक्ति मंत्री पाटिल ने कहा कि भारत के विकास के लिए “कैच द रेन” जैसी पहलें जल सुरक्षा की नींव रख रही हैं।
उन्होंने कहा, “जल है तो जीवन है, और इस जन भागीदारी ने इसे एक राष्ट्रीय मिशन बना दिया है।”

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