श्रीनगर, 11 नवम्बर:
Jammu Kashmir Police Explosive Seizure 2025: जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सोमवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए हरियाणा के फरीदाबाद से 300 किलो विस्फोटक सामग्री और एक AK-47 राइफल बरामद की है। यह बरामदगी उन दो डॉक्टरों से हुई पूछताछ के बाद की गई है, जिन्हें हाल ही में आतंकी नेटवर्क से संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
🧨 समन्वित अभियान में मिली सफलता
Jammu Kashmir Police Explosive Seizure 2025: पुलिस सूत्रों के अनुसार, एक संयुक्त अभियान के तहत यह कार्रवाई की गई। फरीदाबाद से करीब 300 किलो विस्फोटक सामग्री, एक AK-47 राइफल और गोला-बारूद बरामद किया गया है।
सूत्रों ने बताया कि बरामद सामान का संबंध उन दो डॉक्टरों की गिरफ्तारी से जुड़ा है, जिन पर प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के संपर्क में रहने के आरोप हैं।
👨⚕️ गिरफ्तार डॉक्टरों के नाम और पृष्ठभूमि
Jammu Kashmir Police Explosive Seizure 2025: पहले आरोपी डॉक्टर का नाम डॉ. अदील अहमद राठर, पुत्र अब्दुल मजीद राठर (काजीकुंड, अनंतनाग निवासी) बताया गया है। वह सरकारी मेडिकल कॉलेज, अनंतनाग में सीनियर रेजिडेंट के पद पर 24 अक्टूबर 2024 तक कार्यरत था।
दूसरे आरोपी डॉ. मुझामिल को उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस का दावा है कि दोनों डॉक्टरों के बीच आतंकी नेटवर्क के साथ वित्तीय और संचार संबंध थे।

⚖️ UAPA और Arms Act के तहत मामला दर्ज
पुलिस ने इस मामले में शस्त्र अधिनियम की धारा 7/25 और गैरकानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम (UAPA) की धाराएँ — 13, 28, 38, 39 — के तहत एफआईआर दर्ज की है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि
“जांच प्रारंभिक चरण में है, लेकिन अब तक के सबूत गंभीर आतंक-संबंधी गतिविधियों की ओर संकेत करते हैं।”
🚨 सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता बढ़ी
घटना के बाद केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने भी जांच में सहयोग शुरू कर दिया है। पुलिस का मानना है कि यह नेटवर्क राज्य और देश के अन्य हिस्सों में सक्रिय हो सकता है।
इस बरामदगी के बाद हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा अलर्ट जारी किया गया है। जांच एजेंसियां बरामद सामग्री के मूल स्रोत और संभावित लक्ष्य का पता लगाने में जुटी हैं।

🕵️♂️ निष्कर्ष: डॉक्टरों की गिरफ्तारी ने खोला आतंकी नेटवर्क का नया सिरा
जम्मू-कश्मीर पुलिस की इस कार्रवाई ने एक बार फिर आतंकी नेटवर्क के बदलते रूप और रणनीति को उजागर किया है। डॉक्टरों जैसे शिक्षित पेशेवरों का इसमें शामिल होना सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय बन गया है।
इस घटना ने साफ कर दिया है कि आतंकी तंत्र अब तकनीकी और सामाजिक क्षेत्रों में भी पैठ बना रहा है, जिससे देश के सुरक्षा तंत्र को और सतर्क रहना होगा।
