लाल किले के पास कार में धमाका: दिल्ली दहली, आठ की मौत, जांच में जुटीं कई एजेंसियां

दिल्ली के Red Fort car blast ने पूरे देश को हिला दिया है। सोमवार शाम करीब 6:52 बजे लाल किले के पास स्थित मेट्रो स्टेशन के पास एक धीमी गति से चल रही कार में जोरदार विस्फोट हुआ।
धमाका इतना शक्तिशाली था कि आसपास खड़ी कई गाड़ियां पूरी तरह जलकर राख हो गईं। शुरुआती जानकारी के मुताबिक, आठ लोगों की मौत हो चुकी है और कई घायल हैं।


मौके पर तबाही का मंजर

मंगलवार सुबह जब धूप फैली, तब पहली बार Red Fort car blast की भयावह तस्वीरें सामने आईं।
सड़क पर मलबा बिखरा था, कई वाहन जल चुके थे और चारों ओर जले धुएं की गंध फैली हुई थी।
दिल्ली पुलिस, एनएसजी और फॉरेंसिक टीमों ने पूरे इलाके को घेर लिया है और हर सबूत की बारीकी से जांच की जा रही है।

एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया,

“धमाका इतना तेज़ था कि लगा जैसे आसमान फट गया हो। कुछ ही सेकंड में आग की लपटें कार को निगल गईं।”


गृह मंत्री अमित शाह ने जताया दुख

भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने देर रात घटनास्थल का दौरा किया और कहा कि वे “शब्दों से परे दुखी” हैं।
उन्होंने ट्वीट किया कि जांच एजेंसियां सभी संभावनाओं पर काम कर रही हैं और घटना की सच्चाई जल्द सामने आएगी।

उन्होंने बताया कि Red Fort car blast की जांच Explosives Act और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत की जा रही है।


कई एजेंसियां जांच में जुटीं

दिल्ली पुलिस, एनआईए, आईबी, और बम डिस्पोज़ल स्क्वॉड मिलकर जांच में लगे हैं।
कार के रेड हुंडई i20 होने की पुष्टि हुई है, जो विस्फोट से पहले करीब तीन घंटे तक पार्किंग एरिया में खड़ी थी
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कार धीरे-धीरे मेट्रो स्टेशन के पास वाले चौराहे की ओर बढ़ी, और वहीं पर धमाका हुआ।

हालांकि पुलिस ने अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं की है कि यह धमाका आतंकी हमला था या दुर्घटनावश हुआ विस्फोट


दिल्ली और आसपास के राज्यों में अलर्ट जारी

धमाके के बाद दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है।
सभी प्रमुख स्थानों — मॉल, रेलवे स्टेशन, मेट्रो, और सरकारी भवनों — पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

दिल्ली पुलिस प्रवक्ता संजय त्यागी ने कहा,

“अभी तक यह कहना जल्दबाजी होगी कि धमाका जानबूझकर किया गया था या आकस्मिक था। जांच जारी है।”


ऐतिहासिक यादें ताज़ा — जब दिल्ली दहली थी

Red Fort car blast ने एक बार फिर 2005 से 2008 के बीच के बम धमाकों की याद ताज़ा कर दी है, जब जयपुर, अहमदाबाद और दिल्ली जैसे शहर आतंक के साए में थे।
2008 में दिल्ली के बाजारों में हुए सिलसिलेवार धमाकों में करीब 20 लोग मारे गए थे।

इससे पहले 26/11 मुंबई हमले के बाद से भारत ने बड़े पैमाने पर शहरी बम धमाकों से राहत पाई थी।
लेकिन इस नए धमाके ने उस शांत समय की सुरक्षा भावना को झकझोर दिया है।


जांच का दायरा बढ़ा, CCTV फुटेज खंगाले जा रहे हैं

जांच एजेंसियों ने CCTV फुटेज, वाहन के नंबर प्लेट, और डिजिटल ट्रैकिंग डेटा की जांच शुरू कर दी है।
कार में मिले अवशेषों को फॉरेंसिक लैब भेजा गया है, ताकि विस्फोटक पदार्थ की प्रकृति का पता लगाया जा सके।

दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि

“हम हर कोण से जांच कर रहे हैं — चाहे वह तकनीकी खराबी हो, ज्वलनशील सामग्री हो, या किसी योजना के तहत किया गया विस्फोट।”


जनता से शांति बनाए रखने की अपील

प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि अफवाहों पर विश्वास न करें और केवल आधिकारिक जानकारी पर भरोसा करें
सोशल मीडिया पर फैल रही कई अपुष्ट खबरों को भी पुलिस ने खारिज किया है।

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