छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में रविवार को Durg sterilization deaths का दर्दनाक मामला सामने आया है। जिला अस्पताल में नसबंदी ऑपरेशन के बाद दो महिलाओं की मौत हो गई। दोनों महिलाएं दो-दो बच्चों की मां थीं, जिनमें से एक ने तो कुछ घंटे पहले ही बच्चे को जन्म दिया था।
अस्पताल प्रशासन ने प्रारंभिक जांच में इंजेक्शन रिएक्शन की बात कही है, जबकि परिजन डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं।
🔹 पहली मौत: पूजा यादव ने गंवाई जान
पहला मामला बजरंग नगर निवासी 28 वर्षीय पूजा यादव का है। पूजा दो बच्चों की मां थी और परिवार नियोजन के तहत उसने नसबंदी कराने का निर्णय लिया था।
शनिवार सुबह करीब 9:30 बजे वह जिला चिकित्सालय पहुंची थी। ऑपरेशन के बाद शाम को करीब 4 बजे उसे झटके आने लगे, और कुछ ही मिनटों में उसकी मौत हो गई।
पति विकास यादव का कहना है — “डॉक्टरों की लापरवाही से मेरी पत्नी की जान गई। हमने सोचा यह सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन कुछ ही देर में वह चली गई।”
🔹 दूसरी मौत: सुबह डिलीवरी, शाम को मौत
दूसरी महिला सिकोला भांठा निवासी 26 वर्षीय किरण यादव थी। उसने शनिवार सुबह सिजेरियन डिलीवरी से एक बच्चे को जन्म दिया था।
शाम को उसने भी नसबंदी करवाई, लेकिन ऑपरेशन के कुछ ही मिनट बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई और झटके आने लगे।
डॉक्टरों ने इलाज शुरू किया, पर वह बच नहीं सकी। परिजनों का कहना है कि “किरण पूरी तरह स्वस्थ थी, इंजेक्शन लगने के बाद ही उसकी हालत बिगड़ी।”
🔹 अस्पताल प्रशासन ने इंजेक्शन पर जताई शंका
दुर्ग जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन डॉ. आशीषन मिंज ने कहा कि “दोनों मामलों में प्रारंभिक जांच से पता चला है कि इंजेक्शन रिएक्शन के कारण मौत हुई हो सकती है। इंजेक्शन के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं, रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।”
अस्पताल प्रशासन ने मामले की जांच समिति गठित कर दी है और कहा है कि रिपोर्ट आने तक नसबंदी शिविर को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है।
🔹 परिजनों ने किया हंगामा, न्याय की मांग
दोनों महिलाओं की मौत के बाद परिजनों और स्थानीय लोगों ने अस्पताल परिसर में हंगामा किया। उन्होंने डॉक्टरों पर लापरवाही और जल्दबाजी में ऑपरेशन करने का आरोप लगाया।
परिवार का कहना है कि “पूजा और किरण दोनों ही स्वस्थ थीं, उन्हें नसबंदी के बाद सही इलाज नहीं मिला।”
🔹 जांच रिपोर्ट के बाद होगी कार्रवाई
जिला प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग को विस्तृत जांच के निर्देश दिए हैं।
अस्पताल ने कहा है कि “दोषी पाए जाने वाले किसी भी कर्मचारी या डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
📍 निष्कर्ष:
Durg sterilization deaths ने एक बार फिर सरकारी अस्पतालों में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। दो परिवारों ने कुछ ही घंटों में अपने अपनों को खो दिया। अब सबकी नजर जांच रिपोर्ट पर है, जिससे यह तय होगा कि मौत इंजेक्शन रिएक्शन से हुई या मानव लापरवाही से।
