शशि थरूर के एल.के. आडवाणी की प्रशंसा पर कांग्रेस ने बनाई दूरी, कहा — “वे अपनी निजी राय रखते हैं”

नई दिल्ली, 10 नवंबर 2025:
कांग्रेस नेता शशि थरूर द्वारा भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी की प्रशंसा करने के बाद पार्टी ने रविवार को स्पष्ट किया कि थरूर की यह टिप्पणी उनकी निजी राय है और पार्टी उनसे सहमत नहीं है।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि “थरूर अपने विचार स्वयं रखते हैं, और कांग्रेस उनकी इस राय से पूरी तरह असहमत है। लेकिन यह भी दर्शाता है कि कांग्रेस एक लोकतांत्रिक और उदार दल है, जहाँ हर सदस्य को अपनी राय रखने की स्वतंत्रता है।”


🔹 मामला कैसे शुरू हुआ

दरअसल, यह विवाद तब शुरू हुआ जब शशि थरूर ने शनिवार (9 नवंबर) को एल.के. आडवाणी के 98वें जन्मदिन पर उन्हें बधाई देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा —

“आदरणीय श्री एल.के. आडवाणी जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं! उनका सार्वजनिक जीवन के प्रति समर्पण, विनम्रता और शालीनता हमारे देश के आधुनिक राजनीतिक इतिहास में अमिट हैं।”

थरूर ने आगे लिखा कि आडवाणी जी एक सच्चे राजनेता हैं जिनका जीवन सेवा और निष्ठा का प्रतीक रहा है।


🔹 सोशल मीडिया पर बढ़ा विवाद

थरूर की इस पोस्ट पर कुछ लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया दी।
एक वकील ने पोस्ट पर टिप्पणी करते हुए लिखा,

“माफ कीजिए श्री थरूर, लेकिन जिन्होंने देश में ‘घृणा के बीज’ बोए, उन्हें सार्वजनिक सेवा का प्रतीक कहना गलत है।”

इस पर थरूर ने जवाब दिया —

“सहमत हूं, लेकिन किसी के लंबे सार्वजनिक जीवन को केवल एक घटना से आंकना भी अनुचित है। जैसे नेहरू जी के कार्यकाल को केवल चीन युद्ध से और इंदिरा गांधी को केवल आपातकाल से नहीं आँका जा सकता, वैसे ही आडवाणी जी को भी संपूर्ण दृष्टि से देखा जाना चाहिए।”


🔹 कांग्रेस ने थरूर से बनाई दूरी

कांग्रेस मीडिया विभाग प्रमुख पवन खेड़ा ने प्रेस बयान जारी करते हुए कहा —

“जैसा हमेशा होता आया है, डॉ. शशि थरूर अपने विचार स्वयं रखते हैं और कांग्रेस पार्टी उनके हालिया बयान से पूरी तरह असहमत है। लेकिन यह भी सत्य है कि वे कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) के सदस्य होने के बावजूद अपने विचार रख सकते हैं — यही हमारी पार्टी की लोकतांत्रिक भावना को दर्शाता है।”


🔹 एल.के. आडवाणी की राजनीतिक यात्रा

भाजपा के वरिष्ठतम नेताओं में शुमार लाल कृष्ण आडवाणी भारतीय राजनीति के महत्वपूर्ण चेहरे रहे हैं।
उन्होंने 1990 में राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान ऐतिहासिक रथ यात्रा निकालकर भाजपा को राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दी।
2025 में उन्हें भारत सरकार ने भारत रत्न से सम्मानित किया — जो उनके लंबे सार्वजनिक जीवन और योगदान का प्रतीक है।


🔹 कांग्रेस के भीतर बहस

थरूर की इस टिप्पणी ने कांग्रेस के भीतर एक बार फिर “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बनाम पार्टी लाइन” पर बहस छेड़ दी है।
जहाँ एक ओर कई नेताओं ने थरूर की बात को “निजी दृष्टिकोण” कहा, वहीं कुछ ने इसे “अनुशासन से विचलन” बताया।


🔹 जनता और सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया

थरूर के बयान ने सोशल मीडिया पर भी बहस छेड़ दी है। कई उपयोगकर्ताओं ने उनकी संतुलित दृष्टि की सराहना की, जबकि कुछ ने इसे राजनीतिक असावधानी कहा।
हालांकि, थरूर ने अपने रुख पर कायम रहते हुए कहा — “लोकतंत्र में असहमति और सम्मान दोनों साथ चल सकते हैं।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *