बाल दिवस 2025: जांजगीर की नन्ही प्रतिभा श्रिया साहू ने रचा इतिहास, 2 साल की उम्र में बनाया विश्व रिकॉर्ड

रायपुर। हर बच्चा अनोखा होता है, लेकिन कुछ बच्चे अपनी उम्र से कहीं आगे सोच और हुनर दिखा देते हैं। ऐसा ही कर दिखाया है छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले की नन्ही प्रतिभा श्रिया साहू ने।
बाल दिवस 2025 के मौके पर NDTV मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ की खास सीरीज़ ‘वंडर किड्स ऑफ MP-CG’ की शुरुआत इसी नन्ही जीनियस से की जा रही है।


🌟 2 साल की उम्र में बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

श्रिया साहू ने अपनी अद्भुत याददाश्त और तेज बुद्धि के दम पर इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (International Book of Records) में जगह बनाई है।
महज 9 मिनट 57 सेकंड में 150 वस्तुओं की पहचान कर उसने “Fastest to identify 150 random flashcards by a toddler” का विश्व रिकॉर्ड (World Record) अपने नाम किया।

यह रिकॉर्ड 10 सितंबर 2025 को बनाया गया, जब श्रिया की उम्र मात्र 2 साल, 2 महीने और 24 दिन थी। इतनी छोटी उम्र में यह उपलब्धि किसी चमत्कार से कम नहीं मानी जा रही।


👶 बचपन से दिखी थी सीखने की ललक

श्रिया के माता-पिता दीक्षा साहू और कौशल किशोर साहू बताते हैं कि बचपन से ही श्रिया में चीजों को पहचानने और याद रखने की अद्भुत क्षमता थी।
वह किताबें, चित्र और वस्तुएं देखकर बहुत जल्दी उन्हें याद कर लेती थी। नियमित अभ्यास और माता-पिता के मार्गदर्शन ने उसकी प्रतिभा को निखार दिया।

श्रिया की इस सफलता ने न सिर्फ उसके परिवार को, बल्कि पूरे जांजगीर-चांपा जिले को गर्व से भर दिया है। जिस उम्र में बच्चे बोलना सीखते हैं, उस उम्र में श्रिया ने विश्व रिकॉर्ड बनाकर इतिहास रच दिया।


👨‍👩‍👧 माता-पिता की प्रेरणा बनी ताकत

श्रिया की मां दीक्षा साहू जांजगीर जिले के अकलतरा स्थित आत्मानंद स्कूल में शिक्षिका हैं, जबकि पिता कौशल किशोर साहू छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी में AE (Electrical) के पद पर कार्यरत हैं।
दोनों ने श्रिया की जिज्ञासा को पहचानते हुए उसे लगातार प्रेरित किया और उसके सीखने के सफर में साथ दिया।


🎉 बाल दिवस का महत्व और इतिहास

भारत में बाल दिवस (Children’s Day) हर साल 14 नवंबर को मनाया जाता है। यह दिन देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती के रूप में मनाया जाता है।
नेहरू जी बच्चों से अपार स्नेह रखते थे और उन्हें देश का भविष्य मानते थे। बच्चे उन्हें प्यार से ‘चाचा नेहरू’ कहकर पुकारते थे।

पहले बाल दिवस 20 नवंबर को मनाया जाता था, लेकिन नेहरू जी के निधन (27 मई 1964) के बाद भारत ने उनके जन्मदिन 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया।


🌈 बाल दिवस पर प्रेरणादायक मिसाल

श्रिया साहू ने अपनी सफलता से यह साबित किया है कि बच्चों की जिज्ञासा और प्रयास सही दिशा में मिल जाए, तो असंभव भी संभव हो सकता है।
वंडर किड्स ऑफ MP-CG’ सीरीज़ का उद्देश्य भी इन्हीं प्रतिभाओं को सामने लाना है, ताकि समाज इनसे प्रेरणा ले सके।

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