रायपुर, 09 नवम्बर 2025:
छत्तीसगढ़ अब जैव ईंधन के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। राजधानी रायपुर में आयोजित ‘बायोफ्यूल एंड बायो एनर्जी एक्सपो 2025’ में विशेषज्ञों, उद्योगपतियों और वैज्ञानिकों ने राज्य के बायोफ्यूल विजन 2024-29 पर गहन विचार-विमर्श किया।
यह आयोजन छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण (CBDA) द्वारा 7 से 9 नवंबर तक श्रीराम बिजनेस पार्क में किया गया। एक्सपो में बायोफ्यूल तकनीक, निवेश, नवाचार और भविष्य की संभावनाओं पर केंद्रित चर्चाएं हुईं।
🔋 बायोफ्यूल में 3,500 करोड़ रुपये का निवेश
CBDA के सीईओ श्री सुमित सरकार ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य को बायोफ्यूल हब के रूप में विकसित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि, “छत्तीसगढ़ औद्योगिक नीति 2024-2030 के अनुरूप, निजी कंपनियाँ लगभग 3,500 करोड़ रुपये का निवेश कर रही हैं।”
गेल (GAIL) और बीपीसीएल (BPCL) जैसी प्रमुख सार्वजनिक कंपनियाँ राज्य के आठ शहरी निकायों में संपीड़ित बायोगैस (CBG) संयंत्र स्थापित करने की प्रक्रिया में हैं।
वहीं ओएनजीसी ग्रीन और एचपीसीएल ग्रीन भी सीबीजी उत्पादन इकाइयों की स्थापना के लिए स्थानों का सर्वेक्षण कर रही हैं।
🌾 कृषि अवशेषों से बनेगा बायोएथेनॉल और बायोगैस
राज्य में धान, मक्का और चने के अवशेषों का उपयोग कर बायोएथेनॉल और कम्प्रेस्ड बायोगैस उत्पादन के लिए फीडस्टॉक परीक्षण चल रहा है।
सुमित सरकार ने बताया कि, “कृषि अपशिष्ट से एंजाइम उत्पादन और नए माइक्रोबियल स्ट्रेन विकसित करने के प्रयास भी शुरू हो चुके हैं।”
CBDA अब बायो-विमानन ईंधन (SAF) के लिए बायोमास आधारित हाइड्रोजन उत्पादन की दिशा में भी काम कर रहा है।
इससे हाइड्रोप्रोसेस्ड एस्टर और फैटी एसिड तकनीक के माध्यम से विमानन ईंधन का स्थानीय उत्पादन संभव होगा।

🌱 चुकंदर से इथेनॉल उत्पादन की नई पहल
छत्तीसगढ़ में अधिशेष चावल से बायोएथेनॉल उत्पादन की मानक प्रक्रिया पहले ही तैयार की जा चुकी है।
हाल ही में राष्ट्रीय शर्करा संस्थान (NSI), कानपुर के सहयोग से दुर्ग जिले के गोढ़ी गांव में चुकंदर की खेती पर परीक्षण शुरू किया गया है।
अगला कदम चुकंदर से इथेनॉल उत्पादन की क्षमता का परीक्षण करना है, जिससे भारत के 20 प्रतिशत मिश्रण लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।
💡 एक्सपो में उद्योग विशेषज्ञों की भागीदारी
सेमिनार में गेल के सीजीएम मोहम्मद नजीब कुरैशी और डीजीएम जितेन्द्र पाण्डेय ने छत्तीसगढ़ में सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क की जानकारी दी।
बीपीसीएल के डीजीएम संजय ठाकुर ने कम्प्रेस्ड बायोगैस की संभावनाओं पर प्रस्तुति दी।
वहीं रिलायंस इंडस्ट्रीज के डीजीएम सुशील वर्मा ने धान से सीबीजी उत्पादन की तकनीक साझा की।
🌍 नवाचार और हरित ऊर्जा की दिशा में कदम
REVY Environmental Solution Pvt. Ltd. की संस्थापक निदेशक डॉ. वनिता प्रसाद ने बायोगैस प्लांट संचालन पर विस्तृत जानकारी दी।
ATRIM Innovation Pvt. Ltd. पुणे के निदेशक श्री राजेश दाते ने एनोरोबिक कंपोस्टिंग सिस्टम पर चर्चा की।
इंग्रोटेक एक्वा इंजीनियर्स प्रा.लि. के एमडी श्री सुकांत कुमार मेहेर ने एसटीपी प्लांट से बायोगैस उत्पादन की संभावनाएँ बताईं।
वहीं एईसी एग्रीटेक प्रा.लि. के सीईओ श्री जितेन्द्र नारायण ने सीबीजी नीति, प्रोक्योरमेंट और प्राइसिंग मॉडल पर जानकारी दी।
🧭 छत्तीसगढ़ की नई ऊर्जा नीति का मजबूत आधार
इस एक्सपो ने यह स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ हरित ऊर्जा और जैव ईंधन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है।
राज्य की बायोफ्यूल रोडमैप विजन 2024-29 न केवल पर्यावरण संरक्षण बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।
