हरियाणा के पलवल ज़िले के हॉडल शहर का एक छोटा-सा घर—हाउस नंबर 265 — अब राष्ट्रीय सुर्खियों में है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा हाल ही में प्रेस कॉन्फ्रेंस में उठाए गए “फर्जी वोटर” के आरोप के बाद यह पता राजनीतिक हलचल का केंद्र बन गया है।
🏠 कांग्रेस का दावा — एक ही घर में 501 वोटर दर्ज
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि हॉडल के हाउस नंबर 265 पर 501 वोटर दर्ज हैं, जिससे मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का खुलासा होता है। पार्टी का कहना है कि यह मामला हरियाणा में वोटर फ्रॉड का “स्पष्ट प्रमाण” है।
यह घर स्थानीय भाजपा नेता और पूर्व पार्षद सुंदर सिंह का है।
🔍 जमीनी हकीकत — गलती निकली ‘क्लेरिकल एरर’
जब मीडिया टीम और स्थानीय अधिकारी मौके पर पहुंचे, तो कहानी कुछ और ही निकली। जांच में पाया गया कि यह किसी साजिश का हिस्सा नहीं बल्कि डेटा एंट्री की गलती थी।
स्थानीय निवासियों के मुताबिक, “वार्ड नंबर 21 में लगभग हर घर को गलती से हाउस नंबर 265 लिख दिया गया।”
सुंदर सिंह ने बताया —
“यहां मेरे भाइयों और चाचाओं के पांच घर एक पंक्ति में हैं, सबको एक ही नंबर 265 दे दिया गया है। यह सिर्फ प्रशासनिक गलती है, साजिश नहीं।”
⚖️ दोहरी वोटिंग पर चिंता बनी हुई है
हालांकि सुंदर सिंह ने यह भी स्वीकार किया कि कुछ मतदाता ऐसे हैं जो उत्तर प्रदेश और हरियाणा दोनों जगह वोटर सूची में दर्ज हैं। उन्होंने कहा कि “यह गंभीर विषय है और इसे चुनाव आयोग को गंभीरता से देखना चाहिए।”
🧾 प्रशासन ने शुरू की घर-घर जांच
विवाद बढ़ने के बाद पलवल जिला प्रशासन ने तुरंत वोटर लिस्ट की सत्यापन प्रक्रिया शुरू कर दी है।
BLOs (बूथ लेवल ऑफिसर) को आदेश दिए गए हैं कि वे हर घर जाकर मतदाता विवरण की जांच करें और सही पते दर्ज करें।
🗣️ राहुल गांधी का आरोप — “हरियाणा में 25 लाख फर्जी वोट”
राहुल गांधी ने दावा किया कि “हर आठवां वोटर हरियाणा में फर्जी है।”
उन्होंने कहा कि उनकी टीम ने “25 लाख फर्जी वोट” का प्रमाण जुटाया है और “वोट चोरी की साजिश” हरियाणा से शुरू होकर बिहार चुनाव तक फैल सकती है।
🗳️ चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया
वहीं चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के दावों को खारिज करते हुए कहा कि हरियाणा की मतदाता सूची पर अब तक कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई है। आयोग के अनुसार, केवल 22 चुनाव याचिकाएं ही पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में लंबित हैं।
🔚 निष्कर्ष — सियासत में उठे सवाल, सच्चाई बनी प्रशासनिक चूक
हॉडल का यह मामला अब राजनीतिक बहस का केंद्र बन गया है।
जहां कांग्रेस इसे चुनावी धांधली बता रही है, वहीं प्रशासन इसे एक सरल क्लेरिकल गलती बता रहा है।
हालांकि इस विवाद ने मतदाता सूची की विश्वसनीयता पर एक बड़ा सवाल जरूर खड़ा कर दिया है।
