दुर्ग, 8 नवम्बर 2025/ देशभर में ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित राष्ट्रीय कार्यक्रमों की श्रृंखला में शनिवार को दुर्ग शहर के पुराना बस स्टैंड परिसर में वंदे मातरम गीत का भव्य सामूहिक वाचन कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में हजारों की संख्या में आमजन, कार्यकर्ता और विद्यार्थी शामिल हुए।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में छत्तीसगढ़ शासन के कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम उपस्थित रहे। उन्होंने कहा —
“वंदे मातरम का इतने बड़े स्तर पर सामूहिक वाचन हमारे लिए सौभाग्य और गौरव का क्षण है। यह गीत भारत माता के प्रति हमारे समर्पण, त्याग और देशभक्ति की भावना का प्रतीक है। जिन क्रांतिकारियों ने इस गीत को गाते हुए अपने प्राण न्योछावर किए, उन्हें आज हम नमन करते हैं।”
मंत्री नेताम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने इस गीत के 150 वर्ष पूरे होने पर इसे राष्ट्रीय उत्सव के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि “यह सिर्फ एक गीत नहीं, बल्कि भारत की आत्मा की धड़कन है। जब सैनिक युद्ध के मैदान में जाते हैं, तो उनके होंठों पर यही गीत होता है — वंदे मातरम!”
मुख्य अतिथि प्रदेश उपाध्यक्ष एवं कार्यक्रम सहसंयोजक श्रीमती रंजना साहू ने अपने संबोधन में कहा कि “वंदे मातरम” गीत 1875 में श्री बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचा गया था और 1896 में रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा पहली बार सार्वजनिक रूप से गाया गया।
उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान यही गीत राष्ट्रवाद और स्वदेशी आंदोलन का प्रमुख प्रतीक बना। “वंदे मातरम केवल गीत नहीं, यह आज़ादी की आत्मा है।”

भाजपा प्रदेश मंत्री जितेंद्र वर्मा ने कहा —
“वंदे मातरम ने अंग्रेजों की नींद उड़ा दी थी। इसने हर भारतीय को एक सूत्र में बांधा और आज भी यह गीत हमें आत्मनिर्भर भारत की राह पर प्रेरित करता है।”
कार्यक्रम में उपस्थित जनता ने सामूहिक रूप से वंदे मातरम का वाचन किया और स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने का संकल्प लिया। वातावरण देशभक्ति के नारों और जयघोषों से गूंज उठा।
कार्यक्रम का संचालन जिला महामंत्री दिलीप साहू ने किया और आभार प्रदर्शन विनोद अरोरा ने किया। इस अवसर पर गजेंद्र यादव, विजय बघेल, रमशीला साहू, ईश्वर साहू, राकेश पांडेय, उषा टावरी, चंद्रिका चंद्राकर, पवन शर्मा, श्याम शर्मा सहित अनेक जनप्रतिनिधि और भाजपा पदाधिकारी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में हजारों नागरिकों ने भाग लेकर “मां मैं तुम्हें नमन करता हूं — वंदे मातरम” की स्वर-लहरियों से पूरा दुर्ग शहर गूंजा उठा।
