रायपुर, 8 नवम्बर 2025:
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी अंतरराष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (IIIT) नवा रायपुर के 10वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी ‘मेक इन सिलिकॉन’ का शुभारंभ किया।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आयोजन भारत को सेमीकंडक्टर निर्माण और तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ाने वाला एक ऐतिहासिक कदम है। उन्होंने कहा कि यह अवसर खास है क्योंकि राज्य अपना रजत जयंती वर्ष मना रहा है और आज ही राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूरे हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि “भारत अब तकनीकी आत्मनिर्भरता की नई ऊँचाइयों की ओर अग्रसर है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश ने सेमीकंडक्टर मिशन, इलेक्ट्रॉनिक्स और चिप निर्माण के क्षेत्र में अभूतपूर्व सफलता हासिल की है। यह मिशन न केवल तकनीकी ढांचा तैयार कर रहा है, बल्कि युवाओं को सशक्त बनाने और नवाचार को प्रोत्साहित करने का कार्य भी कर रहा है।”

उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर आज मोबाइल, सैटेलाइट, रक्षा प्रणाली और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी तकनीकों का आधार बन चुके हैं। “‘मेक इन सिलिकॉन’ पहल भारत की चिप क्रांति को नई दिशा देगी और छत्तीसगढ़ इसमें अग्रणी भूमिका निभाएगा।”
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य की नई औद्योगिक नीति में सेमीकंडक्टर सेक्टर के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। नवा रायपुर में सेमीकंडक्टर यूनिट की स्थापना का भूमिपूजन हो चुका है, जिससे युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि “हम छत्तीसगढ़ को मध्य भारत का ज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार का केंद्र बनाना चाहते हैं।”
वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि “आज का युग टेक्नोलॉजी-ड्रिवन इकोनॉमी का है। जब माइक्रोसॉफ्ट सर्वर डाउन होने से पूरा विश्व प्रभावित होता है, तब हमें समझना चाहिए कि तकनीक अब जीवन और अर्थव्यवस्था दोनों का आधार बन चुकी है।” उन्होंने युवाओं से कहा कि “नवाचार, कौशल और दृष्टिकोण ही भविष्य की सफलता की कुंजी हैं।”
उच्च शिक्षा मंत्री श्री टंक राम वर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के विजन के अनुरूप यह संगोष्ठी भारत को सेमीकंडक्टर निर्माण में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में निर्णायक कदम है।
IIIT नवा रायपुर के निदेशक प्रो. ओम प्रकाश व्यास ने बताया कि पिछले दस वर्षों में संस्थान ने शोध, नवाचार और तकनीकी विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है।
इस अवसर पर ट्रिपल आईटी इलाहाबाद के निदेशक प्रो. मुकुल सुतावणे, आईआईटी इंदौर के प्रो. संतोष विश्वकर्मा, और कई शिक्षाविद् उपस्थित रहे।

संगोष्ठी में वीएलएसआई डिजाइन, नैनोइलेक्ट्रॉनिक्स, क्वांटम डिवाइस, और इंडस्ट्री-एजुकेशन सहयोग जैसे विषयों पर विशेष सत्र आयोजित किए गए। विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार के कार्यक्रम भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर नवाचार और निर्माण के केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगे।
