छत्तीसगढ़ ट्रेन हादसे में टूटी एक परिवार की दुनिया: दो साल का रिशि बचा, पर खो दिए माता-पिता और दादी

रायपुर, 6 नवंबर 2025
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में हुए दर्दनाक ट्रेन हादसे ने कई परिवारों की जिंदगी उजाड़ दी है। इन्हीं में से एक है यादव परिवार, जिसका दो साल का मासूम रिशि अब अनाथ हो गया है। हादसे में उसके माता-पिता अर्जुन यादव और शीला यादव, और उसकी नानी मनवती देवी की मौत हो गई।


💔 एक पल में बदल गई जिंदगी

रिशि की बुआ अर्चना यादव ने फोन पर रोते हुए बताया कि उन्होंने अपने भाई अर्जुन से हादसे से ठीक एक घंटा पहले बात की थी।

“वो चांपा से इलाज करवाकर परिवार के साथ लौट रहा था। उसने कहा था कि बस कुछ ही किलोमीटर दूर बिलासपुर पहुँचने वाला हूँ। हमने सोचा कि वह कुछ देर में घर आ जाएगा… लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था,” अर्चना ने कहा।

हादसे के कुछ घंटे बाद ही सोशल मीडिया पर शेयर हुई रिशि की तस्वीरों से परिवार को पता चला कि वह जिंदा है। फिलहाल रिशि का इलाज बिलासपुर अस्पताल में चल रहा है और उसके सिर और पैरों में चोटें आई हैं

“हम बस यही दुआ कर रहे हैं कि सीटी स्कैन में कुछ गंभीर न निकले,” अर्चना ने कहा।


🏥 अब चिंता है रिशि के भविष्य की

अर्जुन यादव ऑटो चालक थे और सीमित साधनों में अपने परिवार का पालन-पोषण करते थे। अब उनकी मौत के बाद परिवार की जिम्मेदारी बड़े भाई अजय यादव पर आ गई है।

“पूरा परिवार टूट गया है। सरकार से निवेदन है कि ऐसे परिवारों को आर्थिक और मानसिक सहयोग मिले,” अजय ने कहा।

भारतीय रेल ने हादसे में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के परिजनों को ₹10 लाख और राज्य सरकार ने ₹5 लाख की सहायता राशि की घोषणा की है।


🚆 दूसरे पीड़ित परिवारों की भी टूटी उम्मीदें

इस दर्दनाक बिलासपुर ट्रेन हादसे में 11 लोगों की जान गई।

  • गोपी वस्त्रकार ने बताया कि उनकी मां प्रमिला वस्त्रकार लंबे समय बाद अपनी बेटी से मिलने बिलासपुर जा रही थीं, लेकिन अब कभी लौट नहीं पाएंगी।
  • वहीं अविनाश मार्बल ने अपने रिश्तेदार रंजीत प्रभाकर को खो दिया, जो मजदूरों को दूसरी ट्रेन तक छोड़ने गए थे।

“वह देर रात लौटने वाले थे, लेकिन वह भी नहीं लौटे,” अविनाश ने दुखी स्वर में कहा।


⚖️ सरकार से उम्मीद और न्याय की मांग

हादसे के बाद स्थानीय लोगों और परिजनों ने रेलवे प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि समय रहते ट्रेन की स्थिति पर ध्यान दिया जाता, तो ये जानें नहीं जातीं।

बिलासपुर के अस्पताल में अब भी कई घायल भर्ती हैं। राज्य सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं और पीड़ित परिवारों को हरसंभव मदद का भरोसा दिया है।


❤️ मानवीय संवेदना का प्रतीक बना रिशि

बिलासपुर ट्रेन हादसे का सबसे भावनात्मक दृश्य तब सामने आया जब सोशल मीडिया पर रिशि की तस्वीर वायरल हुई, जो रोते हुए अस्पताल के बिस्तर पर बैठा था।
देशभर से लोगों ने उसकी मदद की अपील की, और अब वह पूरे छत्तीसगढ़ की संवेदना का प्रतीक बन गया है।


🕯️ निष्कर्ष

यह हादसा सिर्फ एक तकनीकी गलती नहीं, बल्कि कई परिवारों की जिंदगी का सबसे काला अध्याय है।
छत्तीसगढ़ सरकार और रेलवे प्रशासन पर अब यह जिम्मेदारी है कि न केवल पीड़ितों को न्याय मिले, बल्कि भविष्य में ऐसी त्रासदी दोबारा न हो।

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