दिल्ली, 6 नवंबर 2025 – बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले सियासी माहौल पूरी तरह गर्मा गया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा हरियाणा में कथित वोट फ्रॉड (Vote Fraud) और वोटर डिलीशन के आरोपों के बाद अब बीजेपी ने पलटवार तेज कर दिया है।
राहुल गांधी ने दावा किया है कि हरियाणा में हर आठ मतदाताओं में से एक फर्जी है और जल्द ही ऐसे ही आंकड़े बिहार से भी सामने आएंगे। उनके इस बयान ने सियासी हलचल बढ़ा दी है, खासकर तब जब बिहार में 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में मतदान होना है।
⚡ राहुल गांधी पर भाजपा का पलटवार
बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजीव प्रताप रूडी ने राहुल गांधी पर तीखा हमला करते हुए कहा,
“राहुल गांधी बिना सबूत देश की चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठाकर जनता को गुमराह कर रहे हैं। यह वही कांग्रेस है जिसने लोकतंत्र को बार-बार कमजोर किया।”
वहीं केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने कहा,
“राहुल गांधी विदेश जाकर भारत के लोकतंत्र, संस्थानों और चुनाव आयोग को बदनाम करते हैं। अब जब बिहार और हरियाणा में चुनाव हैं, वे झूठी कहानियां गढ़कर देश की छवि धूमिल कर रहे हैं।”
🚩 एनडीए बनाम महागठबंधन: सबसे बड़ा राजनीतिक रण
बिहार में इस बार का चुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राजनीतिक जीवन की सबसे बड़ी परीक्षा माना जा रहा है। 74 वर्षीय नीतीश, जो जेडीयू के अध्यक्ष और एनडीए गठबंधन के नेता हैं, फिर से सत्ता में वापसी के लिए मैदान में हैं।
दूसरी ओर, कांग्रेस और आरजेडी गठबंधन राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में चुनावी नैरेटिव को केंद्र में लाने की कोशिश कर रहा है।
अरवल में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आज एक भव्य रोड शो किया, जिससे भाजपा खेमे में नई ऊर्जा का संचार देखने को मिला। वहीं राहुल गांधी के बयान ने विपक्षी दलों को एकजुट तो किया है, लेकिन भाजपा इसे “चुनावी नौटंकी” बता रही है।
🗳️ जनता के बीच गरमाती बहस
बिहार के मतदाता अब मुद्दों के दो ध्रुवों के बीच फंसे हैं — एक ओर राहुल गांधी का वोट फ्रॉड नैरेटिव, और दूसरी ओर बीजेपी का जवाबी पलटवार, जिसमें राष्ट्रवाद और स्थिर सरकार का मुद्दा फिर प्रमुखता से उभर रहा है।
✍️ निष्कर्ष
बिहार की चुनावी लड़ाई अब सिर्फ सत्ता की नहीं, बल्कि भरोसे और विश्वसनीयता की जंग बन चुकी है।
राहुल गांधी जहां “वोटर धोखाधड़ी” का मुद्दा उठाकर चुनावी साख पर चोट कर रहे हैं, वहीं बीजेपी इसे देश के लोकतंत्र पर हमला बता रही है।
6 और 11 नवंबर को होने वाले मतदान से पहले सियासी बयानबाज़ी अपने चरम पर है।
