एचडीएफसी बैंक कर्मचारी और सहयोगी ने 26 खाताधारकों से की 46 लाख की ठगी, दो आरोपी गिरफ्तार

धमधा, 5 नवम्बर 2025 HDFC Bank fraud in Dhamdha:
छत्तीसगढ़ के धमधा इलाके से बैंक धोखाधड़ी का एक बड़ा मामला सामने आया है। एचडीएफसी बैंक के एक कर्मचारी और उसके सहयोगी ने 26 खाताधारकों से प्रधानमंत्री पशु लोन दिलाने के नाम पर लगभग 46 लाख रुपये की ठगी की। दोनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।


📍 कैसे रचा गया ठगी का जाल

प्रार्थिया चन्द्रिका पटेल, निवासी ग्राम घोटा, ने थाना धमधा में रिपोर्ट दर्ज कराई कि ग्राम परसकोल निवासी मधु पटेल ने एचडीएफसी बैंक के कर्मचारी विकास सोनी के साथ मिलकर ग्रामीणों को दुग्ध उत्पादन के लिए प्रधानमंत्री पशु लोन दिलाने का झांसा दिया।

ग्रामीणों से कहा गया कि लोन पर 40 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी और ब्याज भी कम दिनों में पट जाएगा। इसके बहाने 26 ग्रामीणों से एक से अधिक खाते खुलवाकर सुरक्षा के नाम पर तीन-तीन हस्ताक्षरयुक्त चेक लिए गए।

इसके बाद आरोपियों ने इन चेकों का इस्तेमाल कर खाताधारकों के खाते से लाखों रुपये निकालकर अपने रिश्तेदारों और परिचितों के खातों में ट्रांसफर कर दिए।


💰 46 लाख रुपये की ठगी का खुलासा

पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपियों ने कुल ₹45,92,250 की धोखाधड़ी की है।
रकम को चेक, फोनपे, नगदी और ऑनलाइन ट्रांसफर के माध्यम से प्रार्थिया चन्द्रिका पटेल, कल्याणी साहू, खिलेन्द्र कुमार, लक्ष्मी बाई पटेल, राम यादव, रघुराम वर्मा, गोकुल यदु, संगीता बंजारे, योगेश यादव, विक्की यादव सहित अन्य ग्रामीणों के खातों से निकाला गया।

आरोपियों ने हर ग्रामीण को 10-10 लाख रुपये तक के लोन का झूठा प्रलोभन दिया और पैसे खुद के खातों में स्थानांतरित कर लिए।


🚔 मुख्य आरोपी गिरफ्तार, जांच जारी

प्रार्थिया की रिपोर्ट पर थाना धमधा में अपराध क्रमांक 182/2025 दर्ज किया गया।
पुलिस ने धारा 420, 34, 120-बी भादवि के तहत मामला पंजीबद्ध कर आरोपी विकास सोनी (एचडीएफसी बैंक कर्मचारी) और मधु पटेल को गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस का कहना है कि “मामले की विवेचना जारी है। अन्य खातों की जांच के बाद और भी तथ्य सामने आ सकते हैं। आगे की कार्रवाई उसी आधार पर की जाएगी।”


💬 ग्रामीणों में रोष

घोटा और परसकोल गांव के ग्रामीणों में इस घटना के बाद गहरा आक्रोश है। उनका कहना है कि बैंक के नाम पर इस तरह की ठगी से गांव के लोगों का भरोसा टूट गया है।
एक पीड़िता ने कहा, “हमने सरकार की योजना समझकर भरोसा किया, लेकिन हमारे ही पैसों से हमें ठगा गया।”

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