रायपुर, 5 नवंबर 2025:
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में मंगलवार की शाम एक दर्दनाक हादसा हुआ, जब गेवरा से बिलासपुर आ रही लोकल MEMU ट्रेन एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। हादसा इतना भीषण था कि ट्रेन का इंजन और एक कोच मालगाड़ी के डिब्बे के ऊपर चढ़ गया। इस हादसे में 11 यात्रियों की मौत हो गई, जबकि 20 से ज़्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह टक्कर शाम करीब 4 बजे लाल खदान तोरवा फाटक के पास हुई, जहां अचानक तेज़ आवाज़ के साथ ट्रेन के डिब्बे एक-दूसरे पर चढ़ गए। कई यात्री कोच के अंदर फँस गए और मदद के लिए चिल्लाते रहे। स्थानीय लोगों ने तुरंत प्रशासन को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस, NDRF और रेलवे की टीमें मौके पर पहुँचीं।
घायलों को तुरंत बिलासपुर जिला अस्पताल और सिम्स में भर्ती कराया गया। हादसे में ट्रेन के लोको पायलट की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि महिला सहायक पायलट गंभीर रूप से घायल हैं।
एक यात्री संजय विश्वकर्मा (35) ने अपना भयावह अनुभव साझा करते हुए बताया,
“जब आँख खुली तो मैं सीट के नीचे दबा हुआ था। लोग चिल्ला रहे थे, चारों ओर खून और टूटे शीशे थे। हमारा कोच मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गया था।”
घटना के बाद उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है और वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर मौजूद हैं। उन्होंने हादसे को “बहुत दुखद” बताया।
वहीं कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि,
“सरकार कोयला ढोने में व्यस्त है और जनता की ज़िंदगी दांव पर लगी हुई है। आज इंसान की जान की कीमत कोयले से भी कम हो गई है।”

टी.एस. सिंहदेव ने भी इस हादसे को लेकर रेल मंत्री से नैतिक आधार पर इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कहा कि मृतकों के परिवार को मुआवज़ा, नौकरी और घायलों को उचित इलाज मिलना चाहिए।
रेलवे सूत्रों के अनुसार, प्रारंभिक जांच में सिग्नल ब्रेक की आशंका जताई गई है। फिलहाल रेलवे ने इस हादसे की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं।
स्थानीय प्रशासन के सहयोग से NDRF की टीम ने देर रात तक फँसे यात्रियों को बाहर निकाला। घटनास्थल से ट्रेन के आगे के कोच को क्रेन की मदद से हटाया गया।
यह हादसा इस वर्ष का छठा बड़ा रेल दुर्घटना मामला है, जिसने एक बार फिर रेलवे सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
