रायपुर, 3 नवंबर 2025।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में UPSC और PSC की तैयारी कराने के नाम पर छात्रों से 18 लाख रुपए की ठगी करने वाले ‘कौटिल्य एकेडमी’ के डायरेक्टर पवन टांडेश्वर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
आरोपी करीब एक साल से फरार चल रहा था, जबकि उसकी पत्नी और सह-आरोपी रूबी मजूमदार फिलहाल अग्रिम जमानत पर है।
🎓 क्या है पूरा मामला?
सरस्वती नगर थाना पुलिस ने यह कार्रवाई डेढ़ दर्जन से अधिक छात्रों की शिकायतों के आधार पर की है।
छात्रों ने बताया कि डायरेक्टर पवन टांडेश्वर और उसकी पत्नी रूबी मजूमदार ने उन्हें UPSC और PSC कोचिंग में एडमिशन दिलाने का झांसा दिया था।
उन्होंने लगभग 19 अभ्यर्थियों से कुल 18 लाख 3 हजार 105 रुपए फीस के रूप में वसूले।
फीस लेने के कुछ ही समय बाद पवन टांडेश्वर ने ‘संस्थान शिफ्ट करने’ का बहाना बनाकर क्लास बंद कर दी, और छात्रों से कहा गया कि जल्द ही नई बिल्डिंग से क्लास फिर शुरू होगी।
लेकिन महीनों बीतने के बाद भी क्लास शुरू नहीं हुई। जब छात्रों ने डायरेक्टर से संपर्क करने की कोशिश की, तो पति-पत्नी ने पहले बातों में उलझाए रखा और फिर उनके नंबर ब्लॉक कर शहर से फरार हो गए।
💰 फैकल्टी के साथ भी धोखाधड़ी
जांच में यह भी खुलासा हुआ कि पवन टांडेश्वर ने एकेडमी के शिक्षकों (फैकल्टी) को भी सैलरी नहीं दी।
उन्हें चेक के माध्यम से भुगतान किया गया था, जो बैंक में जमा करने पर ‘हस्ताक्षर न मिलने’ के कारण बाउंस हो गए।
फैकल्टी ने भी इसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। इससे स्पष्ट हुआ कि आरोपी न केवल छात्रों से बल्कि शिक्षकों से भी आर्थिक धोखाधड़ी कर रहा था।
🕵️♀️ पुलिस की कार्रवाई
छात्रों ने 25 नवंबर 2024 को सरस्वती नगर थाने में FIR दर्ज कराई थी।
इसके बाद से ही पुलिस आरोपी दंपति की तलाश में जुटी हुई थी।
करीब एक साल बाद पुलिस ने पवन टांडेश्वर को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जबकि उसकी पत्नी रूबी मजूमदार की तलाश अब भी जारी है।
पुलिस ने इस मामले में धारा 318(4) और 3(5) BNS के तहत अपराध दर्ज किया है।
👮♂️ पुलिस का बयान
थाना प्रभारी ने बताया कि—
“यह मामला छात्रों की मेहनत और भविष्य से खिलवाड़ का है। आरोपी ने योजनाबद्ध तरीके से फीस वसूली और फरार हो गया था। हमने उसे रायपुर से गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया है।”
📚 छात्रों की पीड़ा और चेतावनी
कई छात्रों ने बताया कि उन्होंने अपनी सालों की बचत और परिवार की उम्मीदों के साथ कोचिंग जॉइन की थी।
लेकिन ठगी के बाद उनका सपना अधूरा रह गया।
पुलिस ने अभ्यर्थियों और अभिभावकों से अपील की है कि किसी भी कोचिंग संस्थान में दाखिला लेने से पहले उसकी वैधता और रजिस्ट्रेशन की जांच अवश्य करें।

💬 निष्कर्ष
Raipur coaching fraud का यह मामला छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए एक बड़ा सबक है।
यह घटना बताती है कि शिक्षा के नाम पर चल रही धोखाधड़ी से निपटने के लिए सख्त निगरानी और कानूनी कार्रवाई जरूरी है।
पुलिस की कार्रवाई से पीड़ित छात्रों में अब थोड़ी राहत की भावना है।
