अबुजा, 2 नवंबर 2025:
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने नाइजीरिया को सख्त चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर वहां ईसाइयों की हत्याएं जारी रहीं तो अमेरिका न केवल सभी आर्थिक सहायता रोक देगा, बल्कि सैन्य हस्तक्षेप (military action) करने पर भी विचार करेगा।
ट्रम्प ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Truth Social पर लिखा,
“अगर नाइजीरियाई सरकार ईसाइयों की हत्या को रोकने में विफल रही, तो अमेरिका तुरंत हर तरह की सहायता बंद कर देगा और ज़रूरत पड़ी तो ‘guns-a-blazing’ तरीके से उस देश में जाकर इस्लामिक आतंकवादियों का सफाया करेगा।”
उन्होंने आगे कहा,
“मैंने हमारे Department of War को संभावित कार्रवाई के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है। चेतावनी: नाइजीरियाई सरकार को तुरंत कदम उठाने होंगे!”
🔸 ट्रम्प ने नाइजीरिया को घोषित किया “देश ऑफ पार्टिकुलर कन्सर्न”
ट्रम्प ने शुक्रवार को नाइजीरिया को “country of particular concern” घोषित किया — यह दर्जा अमेरिकी विदेश मंत्रालय उन देशों को देता है जहाँ धार्मिक स्वतंत्रता का गंभीर उल्लंघन हो रहा होता है।
ट्रम्प ने कहा,
“नाइजीरिया में ईसाई धर्म अस्तित्व संकट का सामना कर रहा है, और हम अब चुप नहीं रह सकते।”
🔸 नाइजीरियाई राष्ट्रपति बोले – “हम धार्मिक रूप से सहिष्णु देश हैं”
ट्रम्प के बयान के बाद नाइजीरिया के राष्ट्रपति बोला अहमद टिनुबू ने जवाब देते हुए कहा कि अमेरिका का यह आरोप “वास्तविकता से परे” है।
उन्होंने लिखा,
“हमारा देश हमेशा से धार्मिक स्वतंत्रता और सह-अस्तित्व का प्रतीक रहा है। हमें किसी भी तरह से असहिष्णु बताना हमारे राष्ट्रीय मूल्यों का अपमान है।”
🔸 क्यों भड़के ट्रम्प?
अमेरिकी सीनेटर टेड क्रूज़ ने हाल ही में आरोप लगाया था कि नाइजीरियाई सरकार “ईसाइयों के नरसंहार” को नज़रअंदाज़ कर रही है। उन्होंने उन अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव दिया है जो “चरमपंथी हमलों” को रोकने में असफल रहे हैं।
इसके बाद ट्रम्प ने सार्वजनिक रूप से इस मुद्दे को उठाया और Donald Trump threatens military action in Nigeria बयान सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगा।
🔸 नाइजीरिया में धार्मिक हिंसा का परिदृश्य
220 मिलियन आबादी वाले नाइजीरिया में मुस्लिम और ईसाई आबादी लगभग बराबर है। चरमपंथी संगठन बोको हराम और अन्य आतंकी समूह कई वर्षों से देश में हिंसा फैला रहे हैं।
विश्लेषकों के मुताबिक, इन हमलों के पीछे केवल धार्मिक नहीं, बल्कि क्षेत्रीय और सामुदायिक संघर्ष भी एक बड़ी वजह है।
🔸 अमेरिकी दबाव से बढ़ी राजनीतिक हलचल
अमेरिका के इस नए रुख से अफ्रीकी राजनीति में हलचल मच गई है। नाइजीरिया के विदेश मंत्रालय ने इस पर अभी तक आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
उधर, व्हाइट हाउस सूत्रों के मुताबिक, Donald Trump threatens military action in Nigeria बयान के बाद पेंटागन ने स्थिति की “प्रारंभिक समीक्षा” शुरू कर दी है।
