रायपुर, 1 नवंबर 2025। छत्तीसगढ़ के 25वें स्थापना दिवस पर आयोजित रजत जयंती समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब राज्य नक्सलवाद की जकड़ से मुक्त होने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में पूरा देश माओवादी आतंक से पूरी तरह आज़ाद होगा।
नवा रायपुर में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा कि “पिछले पांच दशकों से जिन आदिवासी इलाकों ने आतंक और भय के बीच जीवन बिताया, अब वहां विकास की रोशनी पहुंच रही है। कभी जहां बम और बंदूकों की आवाज़ गूंजती थी, आज वहां बस्तर पंडुम और बस्तर ओलंपिक जैसे आयोजन हो रहे हैं।”
मोदी ने बताया कि “2014 में जब देश ने मुझे सेवा का अवसर दिया, तब मैंने भारत को माओवादी आतंकवाद से मुक्त करने का संकल्प लिया था। ग्यारह साल पहले 125 ज़िले इस समस्या से प्रभावित थे, आज केवल तीन ज़िलों में ही इसके अवशेष बचे हैं। वह दिन दूर नहीं जब छत्तीसगढ़ और देश दोनों पूरी तरह नक्सलवाद मुक्त होंगे।”
उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि बीजापुर जिले के चिकापल्ली गांव में पहली बार बिजली पहुंची है, अभूझमाड़ के रेकावाया गांव में पहली बार स्कूल का निर्माण शुरू हुआ है, और सुकमा के पुवर्ती गांव — जो कभी आतंक का गढ़ माना जाता था — अब विकास की लहर से सराबोर है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि “लाल झंडा अब तिरंगे में बदल चुका है, और बस्तर की धरती अब त्योहारों और खुशियों से गूंज रही है।”
उन्होंने पिछली सरकारों पर तंज कसते हुए कहा कि जो लोग संविधान और सामाजिक न्याय की बात करते हैं, वही दशकों तक आदिवासियों को शिक्षा, स्वास्थ्य और सड़कों से वंचित रखते रहे।
मोदी ने कहा कि अब छत्तीसगढ़ तेज़ी से प्रगति की राह पर है। “25 साल पहले यहां केवल एक मेडिकल कॉलेज था, आज राज्य में 14 मेडिकल कॉलेज और एम्स रायपुर मौजूद हैं। नक्सलवाद के पतन ने छत्तीसगढ़ की तरक्की के नए द्वार खोल दिए हैं।”
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ का विकास भारत के विकास की कुंजी है। “आने वाले वर्षों में जब बस्तर, कांकेर और सुकमा जैसे क्षेत्र विकास की मुख्यधारा से जुड़ेंगे, तभी भारत के विकसित राष्ट्र बनने का सपना साकार होगा।”
