आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम मंदिर में भगदड़ से नौ श्रद्धालुओं की मौत, प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने जताया शोक

हैदराबाद, 1 नवंबर 2025/
आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम ज़िले में स्थित श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में एकादशी के अवसर पर बड़ा हादसा हुआ। भारी भीड़ के बीच मची भगदड़ में नौ श्रद्धालुओं की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हो गए। यह हादसा उस वक्त हुआ जब मंदिर परिसर में दर्शन के लिए आए सैकड़ों भक्त संकरे मार्ग में फँस गए।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कई महिलाएँ और बुजुर्ग भक्त लोहे की रेलिंगों के बीच दब गए, जिससे घबराहट फैल गई। वीडियो में लोग एक-दूसरे को बचाने की कोशिश करते दिखे, वहीं कई महिलाएँ मदद की पुकार लगाती नजर आईं। कुछ लोगों को मौके पर ही सीपीआर देकर बचाने का प्रयास किया गया, लेकिन कई की जान नहीं बच पाई।


🔶 प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने जताया गहरा शोक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख जताते हुए कहा,

“मेरे विचार उन परिवारों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। मैं घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना करता हूँ।”

प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने घोषणा की कि मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख और घायलों को ₹50,000 की आर्थिक सहायता प्रधानमंत्री राहत कोष से दी जाएगी।

मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने इस घटना को “बेहद हृदयविदारक” बताया। उन्होंने कहा कि प्रशासन को घायलों को तुरंत और उचित इलाज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। नायडू ने स्थानीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को मौके पर जाकर राहत कार्यों की निगरानी करने का आदेश दिया।


🔶 पवन कल्याण और राज्यपाल ने दी संवेदनाएँ

उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने हादसे पर गहरी संवेदना व्यक्त की और कहा कि मंदिर निजी प्रबंधन के अधीन था, जहाँ भीड़ नियंत्रण के उचित प्रबंध नहीं किए गए थे। उन्होंने कहा कि कार्तिक मास के दौरान ऐसे धार्मिक आयोजनों में बड़ी भीड़ जुटती है, इसलिए सभी मंदिरों में क्यू मैनेजमेंट और सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए।

राज्यपाल एस अब्दुल नज़ीर ने भी मृतकों के परिवारों के प्रति शोक प्रकट किया और ज़िला प्रशासन को घायलों को बेहतर चिकित्सा सुविधा देने के निर्देश दिए।


🔶 प्रशासनिक चूक और विपक्ष का आरोप

सरकारी सूत्रों के मुताबिक, मंदिर प्रबंधन ने स्थानीय प्रशासन को पहले से सूचित नहीं किया था कि एकादशी के दिन बड़ी भीड़ उमड़ेगी। साथ ही जिस स्थान पर श्रद्धालु एकत्रित हुए थे, वहाँ निर्माण कार्य चल रहा था, जिससे स्थिति और खतरनाक बन गई।

पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने आरोप लगाया कि यह हादसा राज्य सरकार की लापरवाही और कुप्रबंधन का परिणाम है। उन्होंने कहा कि “ऐसी घटनाएँ पहले भी तिरुपति और सिम्हाचलम जैसे मंदिरों में हो चुकी हैं, लेकिन सरकार ने कोई सबक नहीं लिया।”


🔶 लोकल मंत्री नारा लोकेश घटनास्थल रवाना

राज्य मंत्री नारा लोकेश, जो मुख्यमंत्री नायडू के पुत्र हैं, ने कहा कि यह घटना बेहद दुखद है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार घायलों को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवा रही है और मृतकों के परिजनों को हरसंभव सहायता दी जाएगी।


🔶 गृह मंत्री अमित शाह की संवेदना

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी शोक व्यक्त करते हुए कहा कि वे इस त्रासदी से गहराई से दुखी हैं। उन्होंने ट्वीट किया,

“मैं मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूँ और प्रार्थना करता हूँ कि घायल जल्द स्वस्थ हों।”


🕯️ मानवीय पहलू

हादसे के बाद मंदिर के बाहर दुख और अफरा-तफरी का माहौल था। परिजन अपने परिजनों की तलाश में अस्पतालों के चक्कर लगा रहे थे। कई स्थानीय स्वयंसेवक और सामाजिक संगठन रक्तदान और राहत कार्यों में जुटे हैं।

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