मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में गुरुवार की रात भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने वो कर दिखाया, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। Jemimah Rodrigues century की बदौलत भारत ने ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम के खिलाफ 339 रनों के विशाल लक्ष्य को हासिल करते हुए वर्ल्ड कप फाइनल का टिकट पक्का कर लिया।
भारत की यह जीत महिला एकदिवसीय क्रिकेट इतिहास की सबसे बड़ी सफल रन चेज़ मानी जा रही है। और इस ऐतिहासिक जीत के केंद्र में रहीं जेमिमा रोड्रिग्स, जिन्होंने नाबाद शतक लगाकर भारत को विजय दिलाई।
🌟 शांत, संयमित और साहसी जेमिमा
जेमिमा की पारी जितनी दमदार थी, उतनी ही भावनात्मक भी। सेमीफाइनल से ठीक पहले टीम प्रबंधन ने अचानक उन्हें ऊपर बल्लेबाजी क्रम में भेजने का फैसला लिया। उस वक्त जेमिमा ड्रेसिंग रूम में शॉवर ले रही थीं। उन्होंने मुस्कुराते हुए बताया —
“मैं शॉवर ले रही थी, तभी मुझे कहा गया कि अब तुम्हें जाना है। मैंने खुद से कहा, बस क्रीज पर टिके रहो, चमत्कार हो सकता है।”
उनकी ये सोच ही उनकी पारी की ताकत बनी। उन्होंने स्मृति मंधाना के साथ पारी को संभाला और फिर कप्तान हरमनप्रीत कौर के साथ 167 रनों की साझेदारी कर भारत को जीत की राह पर आगे बढ़ाया।
💪 थकान के बीच दृढ़ संकल्प
हरमनप्रीत के आउट होते ही जेमिमा ने और जिम्मेदारी संभाली। उन्होंने कहा,
“जब हरमन दी आउट हुईं, मुझे लगा अब मुझे ही रहना होगा। थकान थी, पर भगवान से प्रार्थना की — ‘जब मैं खुद को संभाल नहीं सकती, तो तू मुझे संभाल।’”
यही जज्बा जेमिमा की पारी को असाधारण बनाता है।
😢 संघर्ष और विश्वास की कहानी
मैच के बाद जेमिमा ने अपने पिछले एक महीने की मानसिक स्थिति साझा की। उन्होंने बताया कि वो चिंता और आत्म-संदेह से जूझ रही थीं।
“कई बार मैच से पहले मैं मां को फोन कर बस रोती थी। सब कुछ खाली सा लगता था। पर मेरे परिवार, दोस्तों और टीम साथियों ने मुझे संभाला।”
उन्होंने अपने विश्वास का ज़िक्र करते हुए कहा —
“बाइबल कहती है, ‘रात भर रोना होता है, पर सुबह आनंद आता है।’ आज वही सुबह थी।”
🏆 ‘मैं सिर्फ भारत को जिताना चाहती थी’
पिछले वर्ल्ड कप से बाहर किए जाने के बाद भी जेमिमा ने कभी बदले की भावना नहीं रखी।
“मैं साबित नहीं करना चाहती थी, बस भारत को जिताना चाहती थी। शुरुआत खराब रही, लेकिन ये पारी मेरे जीवन की सबसे खास इनिंग रही।”
🇮🇳 फाइनल की ओर नजर
अब भारत रविवार, 2 नवंबर 2025 को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ फाइनल खेलेगा। लेकिन उससे पहले, पूरी टीम और देश के लिए जेमिमा की यह पारी हमेशा यादगार रहेगी।
यह सिर्फ एक क्रिकेट मैच नहीं था — यह विश्वास, संघर्ष और विजय की कहानी थी।
