रायपुर।
छत्तीसगढ़ के गठन के बाद श्रमिक कल्याण के क्षेत्र में राज्य ने उल्लेखनीय प्रगति की है।
राज्य स्थापना के समय जहां केवल 16 जिलों में से 9 जिलों में श्रम कार्यालय थे, वहीं अब सभी 33 जिलों में श्रम कार्यालय संचालित हो रहे हैं। इसके साथ ही, 10 जिलों में औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा कार्यालय और रायपुर में इंडस्ट्रियल हाईजिन लैब का राज्य स्तरीय कार्यालय भी स्थापित किया गया है।
52 लाख से अधिक श्रमिक पंजीकृत
31 जुलाई 2025 तक छत्तीसगढ़ श्रम विभाग के अंतर्गत कुल 52 लाख 75 हजार 618 श्रमिक पंजीकृत हैं।
इनमें —
- छत्तीसगढ़ श्रम कल्याण मंडल के अंतर्गत 5.41 लाख संगठित श्रमिक,
- भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में 30.21 लाख निर्माण श्रमिक,
- तथा असंगठित कर्मकार राज्य सामाजिक सुरक्षा मंडल में 17.12 लाख श्रमिक शामिल हैं।
राज्य स्थापना के बाद से अब तक कुल 57 लाख 24 हजार 745 श्रमिकों को 23 अरब 70 करोड़ रुपये से अधिक की राशि से लाभांवित किया गया है।
श्रमिक सहायता केंद्र और डिजिटल सेवाएं
श्रम विभाग ने श्रमिकों की शिकायतों और सहायता के लिए मुख्यमंत्री श्रमिक सहायता केंद्र (Helpline Center) को 24×7 संचालित किया है।
इसके अलावा प्रत्येक जिले और विकासखंड में मुख्यमंत्री श्रम संसाधन केंद्र भी कार्यरत हैं, जिनके माध्यम से श्रमिकों को पंजीयन और योजनाओं में सहयोग दिया जा रहा है।
‘श्रमेव जयते मोबाइल ऐप’ और विभागीय पोर्टल के माध्यम से श्रमिकों का पंजीयन, नवीनीकरण और योजनाओं का लाभ ऑनलाइन डीबीटी (DBT) से मिल रहा है।

ई-गवर्नेंस में गोल्ड अवार्ड
भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ श्रम विभाग को वर्ष 2020-21 में ‘ई-गवर्नेंस के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार’ (गोल्ड अवार्ड) से सम्मानित किया।
यह पुरस्कार ‘ई-श्रमिक सेवा’ के लिए दिया गया, जिसने श्रमिकों तक डिजिटल पहुंच को सशक्त बनाया।
अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना
श्रमिक परिवारों के बच्चों के लिए ‘अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना’ 8 जनवरी 2025 से शुरू की गई है।
इस योजना के तहत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों को निजी विद्यालयों में निःशुल्क गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा रही है। वर्तमान में 100 बच्चों को प्रवेश देकर शिक्षा प्रदान की जा रही है।
आवास और पेंशन योजनाएं
निर्माण श्रमिकों को नए आवास निर्माण या क्रय के लिए 1 लाख रुपये की अनुदान राशि दी जा रही है।
31 जुलाई 2025 तक 2,278 श्रमिकों को यह लाभ मिल चुका है।
इसके अलावा 60 वर्ष से अधिक आयु के श्रमिकों को रुपये 1500 प्रतिमाह पेंशन योजना का लाभ मिल रहा है।
शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न योजना
इस योजना के तहत पंजीकृत श्रमिकों को ₹5 में पौष्टिक भोजन दिया जाता है।
प्रदेश के 17 जिलों में 37 श्रम अन्न केंद्र संचालित हैं, जिनसे प्रतिदिन 8 हजार से अधिक श्रमिक लाभान्वित हो रहे हैं।
निःशुल्क चिकित्सा और कैशलेस सुविधा
कर्मचारी राज्य बीमा योजना (ESI) के अंतर्गत अब 6 लाख 25 हजार से अधिक श्रमिक पंजीकृत हैं।
राज्य में पहले केवल 6 औषधालय थे, जो अब 42 हो गए हैं।
रायपुर, कोरबा, भिलाई और रायगढ़ में 100-बिस्तरयुक्त ESI अस्पताल स्थापित किए गए हैं।
वर्ष 2014 से बीमित हितग्राहियों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा निजी अधिकृत अस्पतालों में दी जा रही है।

निष्कर्ष
छत्तीसगढ़ श्रम विभाग ने राज्य स्थापना से लेकर अब तक श्रमिक कल्याण, डिजिटल पारदर्शिता और सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं।
यह कहना गलत नहीं होगा कि छत्तीसगढ़ श्रम विभाग की योजनाएं अब राज्य के हर श्रमिक की जिंदगी से जुड़ चुकी हैं।
