मुंबई में आयोजित India Maritime Week 2025 के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत आज वैश्विक तनाव के बीच एक स्थिर “लाइटहाउस” की भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि जब दुनिया के समुद्र उथल-पुथल में होते हैं, तब भारत स्थिरता और विश्वास का प्रतीक बन सकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “वैश्विक तनाव, व्यापार अवरोध और सप्लाई चेन में बदलाव के बीच भारत सामरिक स्वायत्तता, शांति और समावेशी विकास का प्रतीक है।” उन्होंने इंडिया–मिडल ईस्ट–यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर को वैश्विक व्यापार के लिए “नई दिशा” बताया।
🚢 2.2 लाख करोड़ के समुद्री प्रोजेक्ट लॉन्च
कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने ₹2.2 लाख करोड़ के समुद्री और शिपबिल्डिंग प्रोजेक्ट्स की शुरुआत की। इसमें 437 नए जहाजों की खरीद और कई बंदरगाह आधारित औद्योगिक परियोजनाएं शामिल हैं। इस दौरान पोर्ट विकास, स्थिरता और जहाज निर्माण से जुड़ी कई एमओयू भी साइन किए गए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के बंदरगाह अब विकसित देशों के पोर्ट्स से भी बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि “हमने सौ साल पुराने औपनिवेशिक शिपिंग कानूनों को खत्म कर 21वीं सदी के अनुरूप आधुनिक कानून बनाए हैं।”
⚓ भारत के पोर्ट्स की नई उपलब्धियां
पीएम मोदी ने बताया कि 2024-25 में भारत के प्रमुख बंदरगाहों ने अब तक का सबसे अधिक कार्गो हैंडल किया है। बंदरगाहों की क्षमता लगभग दोगुनी हो चुकी है और कार्गो टर्नअराउंड टाइम में भारी कमी आई है।
उन्होंने कहा कि अंदरूनी जलमार्गों (Inland Waterways) पर माल ढुलाई में 700% की वृद्धि हुई है। ऑपरेशनल जलमार्गों की संख्या 3 से बढ़कर 32 हो गई है।
विझिंजम पोर्ट, भारत का पहला डीप-वाटर इंटरनेशनल ट्रांस-शिपमेंट हब, अब पूरी तरह कार्यरत है। प्रधानमंत्री ने कहा, “हर भारतीय को गर्व है कि दुनिया का सबसे बड़ा कंटेनर जहाज अब भारतीय बंदरगाह पर आया है।”
⚙️ नई समुद्री सुधार नीतियां (Next Generation Reforms)
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार ने पुराने औपनिवेशिक कानून खत्म कर नई पीढ़ी के सुधार लागू किए हैं।
उन्होंने बताया कि Coastal Shipping Act से व्यापार आसान होगा और सप्लाई चेन सुरक्षा मजबूत होगी। “One Nation, One Port Process” से देशभर में पोर्ट से जुड़ी प्रक्रियाएं एकसमान होंगी और दस्तावेज़ीकरण घटेगा।
🌍 PM की अपील: सामूहिक प्रयास की जरूरत
पीएम मोदी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन, आर्थिक अनिश्चितता और समुद्री सुरक्षा जैसे मुद्दों से निपटने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब शिपबिल्डिंग को “कोर इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर” के रूप में विकसित कर रहा है।
कार्यक्रम के बाद प्रधानमंत्री ने वैश्विक पोर्ट और लॉजिस्टिक्स कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की। इनमें एपी मोलर-मर्स्क, डीपी वर्ल्ड, अदानी पोर्ट्स, एमएससी और सीएमए-सीजीएम जैसी कंपनियों के सीईओ शामिल थे।
पीएम मोदी ने यह भी घोषणा की कि आने वाले समय में ₹70,000 करोड़ का निवेश घरेलू शिपबिल्डिंग क्षमताओं और रोजगार सृजन के लिए किया जाएगा।
