Chhattisgarh DMF Scam Raid Raipur। छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित DMF घोटाले को लेकर एक बार फिर ACB-EOW ने बड़ी कार्रवाई की है। बुधवार सुबह रायपुर, दुर्ग-भिलाई, राजनांदगांव और धमतरी सहित कई जिलों में एक साथ छापेमारी की गई। टीम ने इस घोटाले से जुड़े ठेकेदारों और सप्लायरों के 12 से अधिक ठिकानों पर दबिश दी है।
सुबह-सुबह की गई इस कार्रवाई ने व्यापारिक जगत में हड़कंप मचा दिया है। कई कारोबारी और ठेकेदार अब जांच एजेंसियों के रडार पर हैं।
🏠 कई जिलों में एक साथ छापेमारी
सूत्रों के अनुसार, रायपुर में 5 ठिकानों पर छापा मारा गया। राजनांदगांव में चार स्थानों, दुर्ग-भिलाई में दो ठिकानों और धमतरी के कुरूद क्षेत्र में एक व्यापारी के घर में जांच की जा रही है।
EOW की टीमें दस्तावेजों, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और वित्तीय लेनदेन से जुड़े कागजों की सघन जांच-पड़ताल कर रही हैं।
🕵️♂️ राजनांदगांव में तड़के कार्रवाई
बुधवार की सुबह करीब 5:30 बजे, ईओडब्ल्यू की टीम 10 वाहनों के साथ राजनांदगांव पहुंची और एक साथ तीन जगहों पर छापे मारे।
यह कार्रवाई राधा कृष्ण एजेंसी के संचालक अग्रवाल परिवार, सत्यम विहार में यश नहाटा के घर और कामठी लाइन स्थित ललित भंसाली के निवास पर की गई।
रायपुर में वॉलफोर्ड एनक्लेव सोसायटी स्थित एक कारोबारी के घर पर भी टीम ने दस्तावेज जब्त किए हैं। सूत्र बताते हैं कि यह कार्रवाई उत्खनन, परिवहन और खनन से जुड़े बड़े सप्लायरों और ब्रोकरों से संबंधित है।
📂 ACB-EOW की जांच किस पर केंद्रित
इस कार्रवाई में टीम संबंधित कारोबारियों के ठेकों, बैंक लेनदेन, टैक्स रिटर्न और कंसाइनमेंट डेटा की जांच कर रही है। एजेंसी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि डीएमएफ (जिला खनिज प्रतिष्ठान) के फंड्स का दुरुपयोग किन-किन स्तरों पर हुआ।

⚖️ पहले भी हो चुकी हैं बड़ी गिरफ्तारियाँ
इससे पहले भी Chhattisgarh DMF Scam Raid में कई बड़े अधिकारियों और राजनेताओं के करीबियों पर कार्रवाई की जा चुकी है।
इनमें निलंबित आईएएस रानू साहू, आदिवासी विभाग की सहायक आयुक्त माया वारियर, व्यापारी सूर्यकांत तिवारी, पूर्व सीएम भूपेश बघेल की उपसचिव सौम्या चौरसिया, और कोरबा डीएमएफ के तत्कालीन नोडल अधिकारी भरोसाराम ठाकुर शामिल हैं।
इसके अलावा, राधेश्याम मिर्झा, वीरेंद्र कुमार राठौर, भुनेश्वर सिंह राज की भी गिरफ्तारी हो चुकी है, जबकि संजय शेंडे, ऋषभ सोनी और राकेश शुक्ला अब तक फरार बताए जा रहे हैं।
🔍 कार्रवाई से मचा हड़कंप
ईओडब्ल्यू की यह छापेमारी राज्य में चल रही खनन फंड अनियमितताओं की सबसे बड़ी जांचों में से एक मानी जा रही है। स्थानीय कारोबारियों में भय और असमंजस का माहौल है।
कई जिलों में व्यापारिक प्रतिष्ठान दिनभर बंद रहे, वहीं जांच टीमों ने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से डेटा रिकवरी शुरू कर दी है।
🗣️ सूत्रों का दावा
सूत्र बताते हैं कि यह कार्रवाई लंबी अवधि तक चल सकती है और आने वाले दिनों में और भी नाम सामने आ सकते हैं।
ACB और EOW संयुक्त रूप से यह सुनिश्चित करने में जुटे हैं कि डीएमएफ फंड में हुई गड़बड़ियों की हर परत खोली जा सके।
