CGPSC घोटाला: सुप्रीम कोर्ट ने दिए कई आरोपियों को जमानत, टामन सोनवानी के बेटे साहिल सोनवानी समेत कई को राहत

रायपुर, 29 अक्टूबर 2025 CGPSC scam Supreme Court bail।
छत्तीसगढ़ के चर्चित CGPSC घोटाले में आज एक बड़ा मोड़ आया है। सुप्रीम कोर्ट ने कई आरोपियों को जमानत दे दी है, जिनमें टामन सोनवानी के बेटे साहिल सोनवानी, नितेश सोनवानी, शशांक गोयल, भूमिका कटियार और बजरंग स्पात के डायरेक्टर के पुत्र शामिल हैं।

इन सभी ने सर्वोच्च न्यायालय में राहत की गुहार लगाई थी। उनकी ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा, सिद्धार्थ अग्रवाल और शशांक मिश्रा ने पैरवी की। अदालत ने सुनवाई के बाद सभी को जमानत देने का आदेश दिया।


⚖️ क्या है CGPSC घोटाला?

CGPSC scam Supreme Court bail केस की जड़ 2020 से 2022 के बीच हुई छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (PSC) परीक्षाओं में है। इन परीक्षाओं के जरिए डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी और अन्य वरिष्ठ पदों के लिए चयन किया गया था।

बाद में आरोप लगे कि चयन प्रक्रिया में भ्रष्टाचार और पक्षपात हुआ। जांच में पता चला कि तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी और कुछ अधिकारियों ने अपने रिश्तेदारों को अनुचित लाभ दिलाने के लिए पेपर लीक और हेराफेरी की।


💰 पैसे लेकर पद देने के आरोप

मामले में यह भी खुलासा हुआ कि प्रभावशाली नेताओं और अधिकारियों के परिजनों को पैसे लेकर पद दिए गए। आरोप है कि पूर्व चेयरमैन श्रवण कुमार गोयल ने अपने बेटे और बहू को डिप्टी कलेक्टर का पद दिलाने के लिए 45 लाख रुपये तक खर्च किए।

यह रकम ग्रामीण विकास समिति के माध्यम से दो किश्तों में दी गई। जांच रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि इस पूरे घोटाले में मुख्य सचिव से लेकर राज्यपाल कार्यालय तक को लगभग 45 शिकायतें भेजी गई थीं।


🚔 कौन है अभी जेल में बंद

इस घोटाले में अब भी आयोग के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, तत्कालीन सचिव जीवन किशोर ध्रुव, आरती वासनिक और पूर्व डिप्टी एग्जाम कंट्रोलर ललित गणवीर जेल में हैं। इन पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए पेपर लीक करवाया और अपने रिश्तेदारों को परीक्षा में पास करवाया।


🧾 राजनीतिक पृष्ठभूमि और जांच की दिशा

इस मामले को 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया था। पार्टी ने अपने घोषणापत्र (Manifesto) में इस घोटाले की CBI जांच का वादा किया था। सत्ता में लौटने के बाद 2024 में भाजपा सरकार ने यह मामला CBI को सौंपा।

अब जब CGPSC scam Supreme Court bail के तहत कुछ आरोपियों को जमानत मिली है, तो यह जांच की दिशा में नया मोड़ माना जा रहा है।


💬 जनता और राजनीतिक प्रतिक्रिया

राज्य की जनता इस मामले को लेकर अब भी न्याय की उम्मीद लगाए बैठी है। सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर इतने बड़े घोटाले में मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी के बावजूद जमानत कैसे मिल गई।


🔍 निष्कर्ष

CGPSC scam Supreme Court bail का यह फैसला छत्तीसगढ़ की नौकरशाही और राजनीति दोनों के लिए अहम है। अब देखना होगा कि CBI जांच से इस घोटाले की सच्चाई कब और कैसे सामने आती है।

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