जगदलपुर, 28 अक्टूबर 2025।
छत्तीसगढ़ के जगदलपुर जिले के करपावंड क्षेत्र में बिहार की बेटी सृष्टि उर्फ प्रिया गुप्ता ने ससुराल में हो रही लगातार मारपीट और प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या कर ली। सृष्टि ने मौत से पहले अपने पिता को एक मर्मांतक सुसाइड नोट भेजा, जिसमें उसने अपनी पीड़ा और ससुराल वालों की यातना का विस्तार से जिक्र किया।
जानकारी के अनुसार, सृष्टि की शादी 11 वर्ष पूर्व करपावंड निवासी सत्येंद्र गुप्ता से हुई थी। दो बच्चों की मां सृष्टि के जीवन में सुख की जगह दर्द और अपमान का सिलसिला शुरू हो गया था। परिजनों के मुताबिक, पति, ससुर जगरनाथ गुप्ता, सास और जेठ संतोष गुप्ता उसे आए दिन दहेज के लिए प्रताड़ित और पीटा करते थे।
💔 घटना का दिन बना अंत का कारण
घटना वाले दिन सृष्टि ने देर से झाड़ू लगाने पर नाराज सास और जेठ द्वारा निर्वस्त्र कर मारपीट किए जाने की बात बताई। अपमान और दर्द से टूटकर उसने घर की छत से कूदकर जान दे दी। इससे पहले उसने एक हाथ से लिखा पत्र मोबाइल से फोटो लेकर अपने पिता विनोद प्रसाद गुप्ता को व्हाट्सएप पर भेजा, जिसमें लिखा था—
“पापा, अब मैं जी नहीं सकती… रोज मारा जा रहा है… बच्चे मुझसे दूर रखे जाते हैं…”
सृष्टि ने यह भी लिखा कि बीमारी के बावजूद उसे डॉक्टर के पास नहीं जाने दिया जाता और 15 अक्टूबर की सुबह उसे बुरी तरह पीटा गया था।
🕵️ पुलिस जांच में जुटी
करपावंड थाना प्रभारी बसंत कुमार खल्को ने बताया कि पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। सुसाइड नोट मिलने की पुष्टि हुई है और मामले की विवेचना जारी है। वहीं, मृतका के परिजनों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ससुराल पक्ष से लेनदेन कर मामले को दबाने की कोशिश कर रही है।
🗣️ परिजनों की मांग — बेटी को न्याय मिले
सृष्टि के पिता विनोद प्रसाद गुप्ता ने कहा कि उनकी बेटी को वर्षों से दहेज के लिए प्रताड़ित किया जा रहा था। उन्होंने राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है।
Srishti Gupta suicide case न केवल एक पारिवारिक त्रासदी है, बल्कि यह समाज में दहेज प्रथा और महिला प्रताड़ना की भयावह सच्चाई को फिर से उजागर करता है। यह मामला उन हजारों महिलाओं की आवाज़ है जो आज भी चुपचाप दर्द झेल रही हैं।
