नई दिल्ली:
चुनाव आयोग (EC) अब पूरे देश में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) की प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है। बिहार में हाल ही में इस प्रक्रिया के सफल समापन के बाद, अब इसे देशव्यापी स्तर पर लागू किया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार, पहले चरण में 10 से 15 राज्यों में यह प्रक्रिया शुरू होगी, विशेष रूप से उन राज्यों में जहाँ 2026 में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। इनमें प्रमुख रूप से असम, तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। चुनाव आयोग अगले सप्ताह के मध्य तक पहले चरण की औपचारिक घोषणा कर सकता है।
📋 क्यों हो रहा है SIR अभियान शुरू?
बिहार में हाल ही में पूरी हुई मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया के बाद अंतिम सूची में लगभग 7.42 करोड़ मतदाताओं के नाम शामिल किए गए। इसमें करीब 50 लाख नाम हटाए गए, जिनमें मृत्यु, स्थानांतरण या डुप्लिकेट नाम जैसी वजहें शामिल थीं।
बिहार में यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद आयोग ने इसे “राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने योग्य मॉडल” बताया। अब आयोग का उद्देश्य देशभर में मतदाता सूचियों की शुद्धता और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है।
🗳️ मतदाता सूची के पुनरीक्षण का मानदंड (Cutoff Criterion)
अधिकारियों के अनुसार, प्रत्येक राज्य में पिछली SIR की मतदाता सूची को आधार वर्ष (cutoff year) माना जाएगा। जैसे बिहार में 2003 की सूची को आधार बनाया गया था।
दिल्ली में आखिरी बार 2008 में विशेष पुनरीक्षण हुआ था, जबकि उत्तराखंड में 2006 में यह प्रक्रिया पूरी की गई थी। अब राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) अपनी वेबसाइट पर उस वर्ष की सूची अपलोड कर रहे हैं ताकि लोग अपने नाम की पुष्टि कर सकें।
📊 मतदाता सूची की सफाई का उद्देश्य
चुनाव आयोग और कई राजनीतिक दलों, विशेषकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) का कहना है कि इस अभियान का प्रमुख उद्देश्य “विदेशी अवैध प्रवासियों को मतदाता सूची से हटाना” है।
इसके तहत मतदाता सूची में प्रत्येक व्यक्ति के जन्मस्थान और पहचान का सत्यापन किया जाएगा।
🧩 राज्यों की तैयारी और रोडमैप
चुनाव आयोग ने अब तक दो बैठकों में सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ इस योजना का रोडमैप तय किया है। लगभग सभी राज्यों ने वर्तमान मतदाता सूचियों को पिछली SIR सूची से मिलान (mapping) करने का काम पूरा कर लिया है।
पहले चरण के बाद, यह प्रक्रिया देश के शेष राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में भी लागू की जाएगी, हालांकि जहां स्थानीय निकाय चुनाव जारी हैं, वहां यह प्रक्रिया फिलहाल स्थगित रहेगी ताकि प्रशासनिक व्यवस्था पर अतिरिक्त दबाव न पड़े।
🧾 बिहार बना रोल मॉडल
बिहार में SIR प्रक्रिया के समापन के बाद मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 30 सितंबर 2025 को हुआ। अब राज्य में 6 और 11 नवंबर को मतदान होगा तथा 14 नवंबर को मतगणना निर्धारित है। आयोग ने इसे सटीक और पारदर्शी मतदाता सूची तैयार करने की मिसाल बताया है।
