सोने-चांदी की कीमतों में बड़ी गिरावट: एमसीएक्स पर गोल्ड ₹2,704 और सिल्वर ₹3,432 लुढ़का

नई दिल्ली, 25 अक्टूबर 2025 — कीमती धातुओं (gold silver price fall on MCX) ने शुक्रवार को एक बार फिर अपनी गिरावट का सिलसिला जारी रखा। गुरुवार को हल्की बढ़त के बाद आज सोना और चांदी दोनों ही भारी दबाव में रहे। व्यापारिक तनाव में नरमी की खबरों के बाद निवेशकों ने मुनाफावसूली शुरू कर दी, जिससे बुलियन मार्केट में गिरावट दर्ज की गई।

🟨 एमसीएक्स पर सोना ₹2,704 टूटा

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर गोल्ड फ्यूचर्स ₹2,704 या 2.2% गिरकर ₹1,21,400 प्रति 10 ग्राम के निचले स्तर पर पहुंच गया। पिछले छह में से चार सत्रों में सोना कमजोर बंद हुआ है और करीब 4.42% की गिरावट के साथ नौ सप्ताह में पहली बार साप्ताहिक नुकसान दर्ज करने की राह पर है।

🟩 सिल्वर में भी भारी बिकवाली, ₹3,432 की गिरावट

सोने की तरह चांदी की कीमतों में भी बड़ी गिरावट देखी गई। एमसीएक्स सिल्वर फ्यूचर्स ₹3,432 या 2.3% टूटकर ₹1,45,080 प्रति किलोग्राम तक लुढ़क गया। चांदी ने पिछले पांच में से चार सत्रों में नुकसान दर्ज किया है और इस अवधि में कुल 11.5% की गिरावट आई है।

📰 अमेरिका-चीन वार्ता से बदला बाजार का मूड

वॉशिंगटन ने पुष्टि की है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात 30 अक्टूबर को होने वाली है। इस खबर से वैश्विक बाजारों में राहत की भावना आई और निवेशकों ने सोने-चांदी में अपनी स्थिति घटा ली।

🧠 विशेषज्ञों की राय: निकट भविष्य में अस्थिर रहेंगे दाम

एलकेपी सिक्योरिटीज के वीपी और रिसर्च एनालिस्ट जतीन त्रिवेदी के अनुसार,

“गोल्ड प्राइस ओवरबॉट स्तरों से प्रॉफिट बुकिंग के कारण दबाव में रही। अमेरिका और चीन के बीच व्यापार वार्ता में सकारात्मक संकेत मिलने से निवेशकों ने बुलियन से दूरी बनाई है।”

उन्होंने बताया कि गोल्ड प्राइस ₹1,18,000 से ₹1,25,500 के दायरे में रह सकती है, जिसमें हल्का नकारात्मक रुझान देखने को मिल सकता है।

💰 फिर भी 2025 में 60% ऊपर हैं दाम

हालिया गिरावट के बावजूद 2025 में सोने की कीमतें 60% ऊपर और चांदी की कीमतें 67% ऊपर बनी हुई हैं।
यह तेजी भू-राजनीतिक तनाव, केंद्रीय बैंकों की खरीदारी, ईटीएफ निवेश और वैश्विक अनिश्चितताओं की वजह से बनी रही है।


📊 निष्कर्ष:

gold silver price fall on MCX के बावजूद दीर्घकालिक निवेशकों के लिए यह गिरावट खरीदारी का अवसर साबित हो सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि वैश्विक आर्थिक तनाव बढ़ता है, तो सोने-चांदी की कीमतें फिर नई ऊँचाइयाँ छू सकती हैं।