पूर्व CIA अधिकारी का दावा – भारत के साथ किसी भी पारंपरिक युद्ध में पाकिस्तान की हार तय, अमेरिका भी मानता था युद्ध का खतरा

नई दिल्ली Pakistan would lose war with India|
अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA के पूर्व अधिकारी जॉन किरीआकू ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच अगर कभी पारंपरिक युद्ध (conventional war) होता है, तो पाकिस्तान की हार तय है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “इस युद्ध से पाकिस्तान को कुछ हासिल नहीं होगा, बल्कि सब कुछ खो देगा।”

किरियाकू, जिन्होंने सीआईए में 15 साल तक सेवा दी, ने यह बयान एक इंटरव्यू में दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को अब यह समझना चाहिए कि भारत को उकसाने से कोई फायदा नहीं, क्योंकि भारत पहले ही कई बार निर्णायक कार्रवाई कर चुका है।

“भारत निर्णायक कार्रवाई करने वाला देश है”

पूर्व CIA अधिकारी ने कहा कि भारत ने पिछले वर्षों में आतंकवादी हमलों के जवाब में सर्जिकल स्ट्राइक (2016), बालाकोट एयर स्ट्राइक (2019) और हाल ही में पाहलगाम हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर जैसी निर्णायक कार्रवाई की। उन्होंने कहा, “भारत ने साफ संदेश दे दिया है कि अब वह किसी भी सीमा पार हमले को सहन नहीं करेगा।”

2001 के संसद हमले के बाद अमेरिका को था युद्ध का डर

किरियाकू ने बताया कि 2001 के संसद हमले के बाद अमेरिका को यह डर था कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीधा युद्ध हो सकता है।
उन्होंने खुलासा किया,

“2002 में जब ऑपरेशन पराक्रम चल रहा था, तब CIA ने अनुमान लगाया था कि भारत और पाकिस्तान युद्ध की ओर बढ़ रहे हैं। उस समय हमने अपने नागरिकों को इस्लामाबाद से निकालना शुरू कर दिया था।”

उन्होंने दावा किया कि उस दौरान अमेरिका का पेंटागन पाकिस्तान के परमाणु हथियारों पर नियंत्रण रखता था, और तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ ने नियंत्रण अमेरिका को सौंप दिया था।

CIA ने पाक परमाणु वैज्ञानिक को मारने की योजना टाली

किरियाकू ने यह भी खुलासा किया कि अमेरिका चाहता तो पाकिस्तानी परमाणु वैज्ञानिक अब्दुल क़दीर खान को खत्म कर सकता था, लेकिन सऊदी अरब के अनुरोध पर उसे जिंदा छोड़ दिया गया।
उन्होंने कहा —

“हम जानते थे कि वह कहां रहता है और क्या करता है। अगर हम चाहते तो उसे खत्म कर सकते थे। लेकिन सऊदी सरकार ने हमसे कहा कि उसे छोड़ दो, हम उसके साथ काम कर रहे हैं।”

अमेरिका ने भारत की चिंताओं को नजरअंदाज किया

किरियाकू ने स्वीकार किया कि 2001-2002 के दौरान CIA का ध्यान अल-कायदा और अफगानिस्तान पर केंद्रित था, और उसने भारत की सुरक्षा चिंताओं को गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने माना कि यह अमेरिका की एक बड़ी भूल थी।

“मुझे कोई पछतावा नहीं”

जॉन किरीआकू बाद में CIA के “टॉर्चर प्रोग्राम” का खुलासा करने वाले व्हिसलब्लोअर बने। 2007 में उन्होंने एजेंसी की पूछताछ तकनीकों का खुलासा किया था, जिसके बाद उन्हें जेल भी भेजा गया।
उन्होंने कहा, “मैंने जो किया, उस पर मुझे कोई पछतावा नहीं है। मैंने सच बोलने की कीमत चुकाई, लेकिन यह सही था।”

भारत की रणनीतिक स्थिति और पाकिस्तान के लिए संदेश

किरियाकू के बयान से साफ है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी यह स्वीकार किया जा रहा है कि भारत की सैन्य क्षमता, रणनीति और राजनीतिक इच्छाशक्ति पाकिस्तान से कहीं आगे है।
उन्होंने कहा कि अब पाकिस्तान को यह समझना चाहिए कि भारत के साथ युद्ध में उसे केवल नुकसान ही होगा, लाभ कुछ नहीं।

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