Delhi air pollution after Diwali, 21 अक्टूबर 2025: दीवाली के अगले ही दिन देश की राजधानी दिल्ली का आसमान जहरीली धुंध में डूब गया। सुबह की हवा में धुआं, राख और जलन की गंध ने लोगों का सांस लेना मुश्किल कर दिया। Delhi air pollution after Diwali एक बार फिर चर्चा में है, क्योंकि एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 360 तक पहुँच गया — जो “बहुत खराब” श्रेणी में आता है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा केवल ‘ग्रीन पटाखों’ की अनुमति देने के बावजूद लोगों ने सोमवार रात देर तक आतिशबाज़ी की। नतीजतन, रातभर धुआं और प्रदूषण शहर के निचले वायुमंडल में फंसा रहा। मंगलवार सुबह दिल्ली और आसपास के इलाकों — नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद — में दृश्यता बेहद कम रही और लोग आंखों में जलन और सांस की तकलीफ की शिकायत करते दिखे।
बीबीसी के संवाददाता विकास पांडे ने बताया कि सुबह छह बजे नोएडा से दिल्ली की ओर जाते वक्त सड़क पर “जले हुए कोयले जैसी गंध” फैली हुई थी। उन्होंने कहा, “दृश्यता इतनी खराब थी कि ऊंची इमारतें पूरी तरह धुंध में गायब थीं। हवा में राख का स्वाद महसूस हो रहा था।”
दिल्ली का AQI मंगलवार सुबह 360 दर्ज किया गया, जबकि कई इलाकों में यह 400 के करीब पहुँच गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, PM 2.5 कणों का सुरक्षित स्तर 15 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर होना चाहिए, लेकिन दिल्ली में यह मानक से 24 गुना अधिक पाया गया।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह जहरीला मिश्रण पटाखों के धुएं, पराली जलाने, वाहनों के उत्सर्जन और धीमी हवाओं के कारण बनता है। हर साल सर्दी में जब हवा की गति घट जाती है, तो प्रदूषक कण नीचे फंस जाते हैं और दिल्ली गैस चेंबर बन जाती है।
2020 से दिल्ली में दीवाली पर पटाखे जलाने पर प्रतिबंध है, लेकिन इस बार सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन पटाखों की सीमित अवधि के लिए अनुमति दी थी। फिर भी, बाजारों में पारंपरिक पटाखे खुलेआम बिकते रहे और रातभर बम-पटाखों की आवाजें गूंजती रहीं।
दिल्ली सरकार ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का अगला चरण लागू करते हुए डीजल जनरेटर, कोयला और लकड़ी के उपयोग पर रोक लगा दी है। अधिकारियों ने कहा है कि हवा की गुणवत्ता “बेहद खराब” श्रेणी में पहुंचने के बाद अब स्कूलों और निर्माण कार्यों पर भी अस्थायी रोक लगाई जा सकती है।
राजधानी के निवासी इस हालात से चिंतित हैं। स्थानीय निवासी पारस त्यागी ने कहा, “आप बाहर निकलने की सोच भी नहीं सकते। हर जगह धुआं फैला है, चाहे शहर का इलाका हो या ग्रामीण दिल्ली।”
अब सवाल यह है कि क्या Delhi air pollution after Diwali हर साल की तरह इस बार भी सिर्फ चर्चा का विषय बनकर रह जाएगा या प्रदूषण नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
