Bhupesh Baghel son meeting denied: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि दीवाली के दिन उन्हें अपने बेटे चैतन्य बघेल से जेल में मिलने की अनुमति नहीं दी गई, जबकि हर त्योहार पर कैदियों को परिवार से मिलने का अवसर दिया जाता है।
भूपेश बघेल जब रायपुर की जेल में बंद अपने बेटे से मिलने पहुंचे, तो प्रशासन ने उन्हें रोक दिया। इस पर भूपेश बघेल ने तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा—
“मेरा बेटा जेल में है। दीवाली, ईद, रक्षाबंधन जैसे त्योहारों पर कैदियों को परिवार से मिलने की अनुमति दी जाती है, लेकिन मुझे अपने बेटे से मिलने नहीं दिया जा रहा। यह केंद्र सरकार की राजनीति का परिणाम है।”
उन्होंने आगे कहा कि “अमित शाह और नरेंद्र मोदी की कृपा से मेरा बेटा जेल में है।”
बघेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर लिखा—
“दो दशक पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने मेरे पिता को जेल भेजा था, लेकिन दीवाली के दिन उनसे मिलने की अनुमति मिल गई थी। आज प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की कृपा से मेरा बेटा जेल में है, लेकिन इस बार दीवाली पर मुझे उससे मिलने नहीं दिया गया।”
क्यों जेल में हैं चैतन्य बघेल?
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 18 जुलाई 2025 को भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को 2000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले के आरोप में गिरफ्तार किया था। उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम की धारा 19 के तहत हिरासत में लिया गया था।
चैतन्य की जमानत याचिका छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है, जिसके बाद उन्हें 29 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में रहना होगा।
राजनीतिक हमला या न्यायिक प्रक्रिया?
भूपेश बघेल का कहना है कि विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि उन्हें भारतीय न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है और वे जांच में सहयोग करते रहेंगे।
दीवाली जैसे पारिवारिक त्योहार के मौके पर बेटे से न मिल पाने की पीड़ा ने भूपेश बघेल के बयान को भावनात्मक रंग दे दिया है। राजनीतिक गलियारों में इस घटना ने एक बार फिर केंद्र बनाम राज्य की सियासत को गर्म कर दिया है।
