रायपुर, 16 अक्टूबर 2025:
Bastar Maoist surrender Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ राज्य शासन की सशक्त नीति एक बार फिर बड़ी सफलता लेकर आई है। दण्डकारण्य क्षेत्र में लगभग 200 माओवादी कैडरों, जिनमें कई वरिष्ठ और हार्डकोर नक्सली भी शामिल हैं, ने हिंसा का रास्ता छोड़कर सामाजिक मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया है।
इन सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों के औपचारिक पुनर्समावेशन समारोह का आयोजन 17 अक्टूबर 2025 को सुबह 11 बजे जगदलपुर के रिज़र्व पुलिस लाइन में किया जाएगा। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री श्री विजय शर्मा विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आत्मसमर्पण राज्य की शांति, संवाद और विकास केंद्रित नीति का प्रत्यक्ष परिणाम है। उन्होंने कहा,
“बस्तर की असली ताकत उसके लोगों की आत्मनिर्भरता, शिक्षा और सामाजिक सम्मान में है। अब वही शक्ति दण्डकारण्य के अंदरूनी इलाकों में नई उम्मीद और बदलाव की रोशनी लेकर आई है।”
राज्य सरकार ने पिछले एक वर्ष में नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, संचार और रोजगार से जुड़ी योजनाओं को प्राथमिकता दी है। इन योजनाओं ने न केवल जनता में भरोसा बढ़ाया, बल्कि नक्सल विचारधारा से जुड़े लोगों को भी मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित किया।
विशेषज्ञों का मानना है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में अपनाई गई “शांति और पुनर्वास” नीति ने नक्सल समस्या के स्थायी समाधान की दिशा में एक नया अध्याय खोला है।
यह सफलता सुरक्षा बलों की रणनीतिक कार्रवाई, स्थानीय प्रशासन की सक्रिय भागीदारी, और जनप्रतिनिधियों व समाज के सहयोग का भी परिणाम है। यह आयोजन बस्तर में नक्सलवाद के अंतिम चरण की ओर बढ़ते सफर का प्रतीक माना जा रहा है।
